प्रदेश सरकार ने वर्ष 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्णा को डीजीपी नियुक्त किया है उप्र पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष के साथ डायरेक्टर विजिलेंस की जिम्मेदारी संभाल रहे राजीव कृष्ण 11 वरिष्ठ आईपीएस अफसरों को सुपरसीड कर डीजीपी बनाए गए हैं। वहीं, नाम के ऐलान के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया, पूर्व सीएम अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने उनकी नियुक्ति को लेकर सवाल उठाया है.
यूपी को मिला एक और कार्यवाहक डीजीपी! आज जाते-जाते वो ज़रूर सोच रहे होंगे कि उन्हें क्या मिला, जो हर गलत को सही साबित करते रहे। यदि व्यक्ति की जगह संविधान और विधान के प्रति निष्ठावान रहते तो कम-से-कम अपनी निगाह में तो सम्मान पाते। अब देखना ये है कि वो जो जंजाल पूरे प्रदेश में बुनकर गये हैं, नये वाले उससे मुक्त होकर निष्पक्ष रूप से न्याय कर पाते हैं या फिर उसी जाल के मायाजाल में फँसकर ये भी सियासत का शिकार होकर रह जाते हैं। दिल्ली-लखनऊ की लड़ाई का ख़ामियाज़ा उप्र की जनता और बदहाल क़ानून-व्यवस्था क्यों झेले? जब ‘डबल इंजन’ मिलकर एक अधिकारी का चयन नही कर सकते को भला देश-प्रदेश क्या चलाएंगे।
नए पुलिस प्रमुख राजीव कृष्ण की नियुक्ति के बाद बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने लिखा- देश के विभिन्न राज्यों में से ख़ासकर यूपी में सामंती व आपराधिक तत्वों का वर्चस्व होने से जातिवादी एवं साम्प्रदायिक द्वेष, हिंसा, अन्याय-अत्याचार तथा लोगों को उजाड़ने आदि की कार्रवाइयों से यह साबित है कि यहाँ कानून का राज सही से नहीं चल रहा है।
कौन है नए डीजीपी राजीव कृष्णा ?
बता दें डीजीपी प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार नहीं मिल सका जिसके बाद देर शाम राजीव कृष्णा को डीजीपी बनाने की घोषणा कर दी है, मूल रूप से गौतमबुद्धनगर के निवासी राजीव कृष्णा इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन से इंजीनियरिंग की है, उन्हें 2 बार राष्ट्रपति का वीरता पुरस्कार (Gallantry Award) भी मिल चुका है. उनकी सेवानिवृत्ति में अभी चार वर्ष और एक माह का समय बाकी है जिसकी वजह से वो लंबे समय तक प्रदेश के डीजीपी बने रह सकते हैं, बता दें प्रदेश में सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों सीधी भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद प्रदेश सरकार ने राजीव कृष्णा को भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी थी, उन्होंने परीक्षा को सकुशल संपन्न कराई, जिसकी वजह से उनकी काबिलियत को देखते हुए राज्य सरकार ने उन्हें प्रदेश पुलिस का DGP बनाने का फैसला लिया है।
राजीव कृष्णा लखनऊ समेत कई जिलों के पुलिस कप्तान भी रह चुके हैं इसके अलावा वो लखनऊ के एडीजी जोन और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बार्डर सिक्योरिटी फोर्स में आईजी ऑपरेशन भी रहे हैं, वही बीते शनिवार को पूरे दिन प्रशांत कुमार का सेवा विस्तार होने की अटकलें लगती रही, लेकिन देर शाम तक प्रशांत कुमार द्वारा डीजीपी पद का कार्यभार नहीं छोड़ने पर, इन अटकलों को बल मिलता गया, हालांकि रात करीब आठ बजे राजीव कृष्णा को प्रदेश का नए डीजीपी बनाने की घोषणा कर दी गई, जिसके बाद देर शाम प्रशांत कुमार, राजीव कृष्णा और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट कर उन्हें पुलिस विभाग की कॉफी टेबिल बुक भेंट की गई।