मणिपुर में एक बार फिर माहौल बदल चुका है, काफी समय से शांत रहने के बाद हिंसा भड़क उठी है, इम्फाल वेस्ट के क्वाकेतल इलाके में शनिवार रात को सुरक्षा बलों ने मैतेई कट्टरपंथी संगठन अराम्बाई तेंगोल के एक नेता को गिरफ्तार किया. इससे उसके समर्थक आग-बबूला हो गए. इसके बाद पूरे इलाके में हिंसा प्रदर्शन हुआ।
जानकारी के मुताबिक इंफाल कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में आग लगा दी, सड़कों पर टायर और पुराने फर्नीचर भी जलाए। सुरक्षाबलों पर पथराव किया। प्रदर्शनकारियों ने पेट्रोल डालकर खुद को जलाने की भी कोशिश की। इसके बाद राज्य के 5 जिलों में इंटरनेट सेवा को बंद करने के साथ निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। इनमें इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग शामिल हैं। बिष्णुपुर जिले में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया है। यह फैसला मणिपुर में मैतेई संगठन के नेता अरम्बाई टेंगोल’ की गिरफ्तारी के बाद इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद लिया गया है।
बता दें मैतेई संगठन अरम्बाई टेंगोल के नेता करन सिंह को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। उन पर 2023 में हिंसा भड़काने के आरोप है। इनकी गिरफ्तारी की खबर फैलने के बाद शनिवार देर रात मणिपुर में हिंसा भड़क गई थी। मणिपुर में मई 2023 से जातीय हिंसा जारी है। यहां कुकी और मैतेई समुदाय के लोग आपस में लड़ रहे हैं। इसके चलते अब तक करीब 300 मौतें हो चुकी हैं। वहीं, 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। और लगभग 70,000 लोग बेघर हुए हैं 6 हजार से ज्यादा FIR दर्ज हुई हैं। इसी हिंसा के बीच एक महिला को निर्वस्त्र करके घुमाने और सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या करने की घटना भी सामने आई थी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मणिपुर के हालातों पर देशभर में चिंता जताई थी। 2 साल बाद भी हालात ज्यादा नहीं बदले हैं।
मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां 3 प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। एसटी (ST) वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50 प्रतिशत है। राज्य के करीब 10 प्रतिशत इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90 प्रतिशत इलाके में रहते हैं।
सीएम ने दिया इस्तीफा
मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पास स्पष्ट बहुमत है, लेकिन हिंसा शुरू होने के 21 महीने बाद बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। फरवरी 2025 में उनके इस्तीफे के बाद से यहां राष्ट्रपति शासन लागू है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से सुरक्षाबलों की कई टीमें मणिपुर में तैनात की गई हैं। इसके बाद हिंसा में कमी आई और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से लूटे हुए हथियार भी लौटाने शुरू कर दिए थे, लेकिन अरम्बाई टेंगोल के नेता को गिरफ्तार करने की खबरों ने फिर से मैतेई समुदाय के लोगों को भड़का दिया है। इससे पहले कई मौकों पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला कर हथियार लूटे थे। शनिवार को भी कई जगहों पर सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई।