प्यार मे धोका, पति का कत्ल, और मासूम बच्चे की हत्या की वारदात तो आपने सुनी ही होगी लेकिन हम आपको बताने जा रहे है यूपी के एक बेरहम डॉक्टर के बारे मे जिसमे जुर्म की दुनिया मे सारी हदें पार कर दी है, कहा जाता है डॉक्टर तो भगवान का रूप होते है जब भी किसी की भी… बच्चा हो या बड़ा, कही एक्सीडेंट हुआ हो या हादसा सबसे पहले लोग डॉक्टर के पास जाने की सलाह देते है लेकिन जब वहीं डॉक्टर लोगो की बेरहमी से हत्या कर देता है तो लोगो की रूह कांप जाती है ऐसी ही एक घटना यूपी से सामन आ रही है जिसे सुन लोग दंग रह गए है।
यूपी के अलीगढ़ मे रहने वाला कुख्यात सीरियल किलर देवेंद्र शर्मा उर्फ ‘डॉक्टर डेथ’ को गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसे राजस्थान के दौसा से अपनी गिरफ्त मे ले लिया है। डॉक्टर डेथ पर आरोप है की दिल्ली से लेकर हरियाणा और राजस्थान तक 50 से अधिक लोगों की हत्या कर चुका है। इसके बाद एक-एक कर शवों के सबूत मिटाने के लिए मगरमच्छों को चारे की तरह डाल देता था। हम आपको किसी वेब सीरीज की बात नही कर रहे है, हम बल्कि जुर्म की वो कहानी बता रहे हैं, जिसे सुनकर शायद आपका भी दिल कांप जाए। कहानी एक ऐसे कातिल की, जो 50 लोगों को मारने के गिनती ही भूल गया और कानून की नजरों से बचने के लिए पुजारी के भेष में एक आश्रम में जाकर छिप गया।
ये कहानी है डॉक्टर देवेंद्र शर्मा की, जिसे डॉक्टर डेथ के नाम से भी जाना जाता है। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को इसी डॉक्टर डेथ को राजस्थान के दौसा में एक आश्रम से गिरफ्तार किया। देवेंद्र शर्मा सजायाफ्ता है और 2023 में परोल मिलने के बाद गायब हो गया था। कई जगहों पर फरारी काटने के बाद वह दौसा के एक आश्रम में पुजारी बनकर छिपा था। जब क्राइम ब्रांच की टीम उसे पकड़ने पहुंची, तब वह प्रवचन दे रहा था। 67 साल का डॉक्टर डेथ पूर्व में एक किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट से भी जुड़ा हुआ था। उसे 7 मामलों में उम्रकैद और एक मर्डर केस में फांसी की सजा हो चुकी है।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में रहने वाले देवेंद्र शर्मा ने बिहार के एक कॉलेज से बीएएमस की पढ़ाई की थी। डिग्री लेने के बाद देवेंद्र राजस्थान आ गया और यहां बांदीकुई इलाके में जनता क्लीनिक बनाकर मेडिकल प्रेक्टिस करने लगा। करीब 11 साल की प्रेक्टिस के बाद उसने डॉक्टरी को अलविदा कहा और गैस एजेंसी खोलने के मकसद से वापस अलीगढ़ आ गया। हालांकि, यहां उसके साथ धोखा हो गया, जिसकी वजह से उसे भारी नुकसान हुआ। नुकसान से उबरने के लिए देवेंद्र ने एक फर्जी गैस एजेंसी बनाई और अलग-अलग तेल कंपनियों के ट्रकों को लूटना शुरू किया। इस काम को करते हुए उसने 1998 और 2004 के बीच एक अवैध किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट भी चलाया। यहां उसने डॉक्टरों और बिचौलियों की मदद से दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में 125 से अधिक अवैध ट्रांसप्लांट कराए।
पुलिस ने बताया कि चूंकि पुलिस पीड़ितों के शवों को कभी बरामद नहीं कर सकी, इसलिए देवेंद्र को केवल सात लोगों की हत्याओं के लिए आजीवन कारावास दिया गया। पुलिस के मुताबिक, उसकी पत्नी और बच्चों ने उसकी करतूतों का पता चलने के बाद उसे छोड़ दिया था। जनवरी 2020 में, देवेंद्र को अच्छे चाल-चलन की वजह से जयपुर सेंट्रल जेल से परोल पर रिहा कर दिया गया, लेकिन परोल अवधि खत्म होने के बावजूद वह वापस नहीं लौटा।