यूपी के बांदा में एक वहशी दरिंदे की हवस की शिकार 3 साल की मासूम आखिरकार अपनी जिंदगी की जंग हार गई, कानपुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मासूम बच्ची ने दम तोड़ दिया। तीन जून की शाम यह बच्ची अपने ही पड़ोसी दरिंदे के हत्थे चढ़ गई थी और इस दरिंदे ने इस मासूम बच्ची पर जुल्म का सितम ढा दिया।
रेप के बाद बच्ची को दूर जाकर जंगल में फेंक दिया। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने बांदा कानपुर मार्ग को जाम कर दिया था और घटना के बाद हरकत में आई पुलिस ने कुछ ही घंटे बाद 4 जून की सुबह ही आरोपी दरिदे सुनील को मुठभेड़ के दौरान घायल हालत में गिरफ्तार कर लिया था। 5 जून की सुबह इस मासूम बच्ची को मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया था जहां से इसकी गंभीर हालत देखते हुए कानपुर रेफर किया गया था इस बच्ची के साथ वहशियाना दरिंदगी की गवाही खुद मेडिकल रिपोर्ट दे रही है जो यह बताती है कि इस बच्ची के विभिन्न जगहों पर 54 टांके लगाए गए हैं। बहरहाल लगातार 6 दिन जिंदगी और मौत के बीच जद्दोजहद करती इस अबला मासूम ने दम तोड़ दिया और अपने पीछे कथित सभ्य समाज पर छोड़ गयी एक सवालिया निशान। गांव में अभी आक्रोश है लोगों में गुस्सा है और हर आंख नम है तो वही पुलिस ने गिरफ्तार दरिंदे के खिलाफ सख्त पैरवी कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का संकल्प भी दोहराया है।
आपको बता दें कि 4 जून को चिल्ला थाना क्षेत्र के चकला गांव में निषाद परिवार की 3 वर्षीय बच्ची को उन्हीं का सजातीय पड़ोसी सुनील निषाद अपने साथ ले गया था और रात तकरीबन 9 बजे तक जब बच्ची वापस नहीं आई तो परिजनों ने आरोपी के घर जाकर तलाश शुरू की, जहां बच्ची के कपड़े और खून परिजनों को मिला था जिस पर परिजनो और ग्रामीणों ने चिल्ला में बांदा कानपुर मार्ग जमकर हंगामा शुरू कर दिया था।
मामले की सूचना मिलते ही अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज फॉरेंसिक टीम सेम टी मौके पर पहुंचे थे और रात तकरीबन 2 बजे परिजनों को समझा बूझकर किसी तरह जाम खत्म कराया था और उसके साथ ही थाना चिल्ला थाना पैलानी और एसओजी की पुलिस टीमों ने 3 घंटे बाद ही न सिर्फ घटनास्थल से तकरीबन 10 किलोमीटर दूर जंगल में बच्ची को बेहद गंभीर अवस्था में बरामद किया था बल्कि इसके साथ ही आरोपी हैवान सुनील निषाद को मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था पुलिस मुठभेड़ में आरोपी के पैर में गोलियां लगी थी और उसका इलाज करने के बाद उसको जेल रवाना किया गया था घायल बच्ची को मेडिकल कॉलेज बांदा पहुंचाया गया था जहां से उसे गंभीर हालत में कानपुर रेफर कर दिया गया था।
कानपुर में परसों रात यह बच्ची जिंदगी की जंग हार गई। इस मामले में हालांकि पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दोषी को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन बच्ची की मौत के साथ ही कई सवाल उठ खड़े हुए हैं । जिंदगी की जंग हार कर भी इस मासूम बच्ची ने कथित सभ्य समाज पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है और पूरी न्याय और पुलिस व्यवस्था को झकझोर दिया है। बच्ची के शव का पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार आज किया गया है। अब देखना होगा किसी मासूम बच्ची के अपराधी को कब कठोर सजा सुनाई जाएगी और इस बच्ची को न्याय मिल सकेगा।