देश की हर रूह तक रो रही है। हर आंख आंसुओं के सैलाब में डूबी है। अहमदाबाद के विमान हादसे ने कुछ परिवारों को जिंदगी भर का दर्द दे दिया है क्योंकि हंसती-खेलती जिंदगी की रफ्तार 25 सेकेण्ड में यूं खत्म हो जाएगी, यकीन मानिए , कल्पना तक शरमा गई है।
हादसे में एक नहीं कई-कई परिवारों को मौत का ऐसा जख्म मिला है कि वह बदहवास हो गए हैं। अब तो उन्हें 72 घंटे और दर्द के समुद्र में जीना है। यह अंतिम जुदाई उन्हें न रोने दे रही है और न ही शांत होने दे रही है। कइयों की आंखें नम नहीं, सूख तक गई हैं।
विमान हादसे में सबसे अभागा परिवार डॉ.प्रतीक जोशी का रहा। वह, इंग्लैण्ड में ही बसने के लिए फाइनली जा रहे थे लेकिन उनकी योजना पर न जाने की किसकी नजर लग गई। डॉ.प्रतीक के साथ उनकी पत्नी कोमिका व्यास , जुड़वा बेटे नकुल, प्रद्युत और बेटी मिराया अनंत यात्रा पर चली गइंर् हैं।
इस भयावह हादसे में डॉ.प्रतीक के अलावा न जाने कितने लोगों के सपने खाक हो गए हैं। राजस्थान के बालोतरा जिले के अराबा गांव की खुशबू शादी के बाद पहली बार अपने पति से मिलने लंदन जाने के लिए बोइंग एआई 171 में बैठी थीं पर खुशबू की महक , आग में जलकर राख हो गई। हादसे ने उदयपुर के मार्बल व्यापारी संजीव मोदी की जिंदगी ही उजाड़ दी है। बेटा शुभ और बेटी शगुन लंदन छुट्टियां मनाने के लिए बोइंग में बैठे थे पर अनंत यात्रा पर चले गए , जहां से अब उन्हें कोई नहीं लौटा सकता है।
हम आपको किस-किस का दर्द बताएं, इतने में ही आंखें डबडबा रहीं तो, अब तो यात्रियों का जख्म उकेरने की कोशिश हर रोएं को सिहरन दे रही है। फिर भी आपको बताते हैं कि हादसे में गुजरात के जाने-माने उद्योगपति प्रमुख नंदा और सुभाष अमीन की मौत हुई है। बताया जा रहा है कि उनकी पत्नी और पुत्रों की भी मौत हुई है । और तो और , इसमें फतेहपुर सीकरी के नीरज लवानिया और उनकी पत्नी अपर्णा ने भी जान गंवाई। आकाश हों या क्रू मेंबर मणिपुर की नगंतोई शर्मा को ही लीजिए, जो अपने परिवार के एकलौते चिराग थे पर अब इस दुनिया में नहीं हैं।
जाको राखे साईंयां, मार सके न कोए
भगवान की लीला भी अपरंपार है । जिस बोइंग ने 241 यात्रियों को पल भर में ही मौत की नींद सुला दिया था , उसमें एक ऐसे भी शख्स हैं , जिनका नाम रमेश विश्वास है। विमान क्रैश होने के बाद वह कब सीट के साथ बाहर आ गए , उन्हें पता नहीं है। जिस समय बाहर आए, उस समय लाशों की ढेर उनके चारों तरफ रहे। वह बच गए पर उनके भाई ने जिंदगी से अलविदा कह दिया ।
विमान हादसे की दर्दभरी दास्तां बताते-बताते अब आपके नहीं हमारे होंठ भी गवाही नहीं दे रहे हैं पर अगर आप संवेदनशील हैं तो इन मृतात्माओं के लिए दो मिनट का सपरिवार मौन रखकर श्रद्धासुमन जरुर अर्पित करिएगा।
पारा 1000 और 25 सेकेन्ड में सब स्वाहा
यह सुनकर आपकी रूह कांप रही है न , लेकिन सच यही है। 45 डिग्री का पारा इंसानी जिंदगी छोडिए, बेजुबानों तक को रास नहीं आ रहा है। फिर जो अहमदाबाद में बोइंग एआई-171 क्रैश हुआ, उसमें इतना फ्यूल था कि उसने पारा 1000 डिग्री सेल्सियस यानी 1832 डिग्री फॉरेनहाइट पहुंचा दिया। इसलिए उसने 241 यात्रियों की सिर्फ 25 सेकेंड में जान ले ली। रिटायर्ड ग्रुप कैप्टन राजीव वाष्र्णेय भी मानते हैं कि एक लाख के ऊपर जब तेल का टैंक बर्स्ट करता है तो एक हजार पारा से ज्यादा ऊर्जा बनती है, ऐसा मोटा-मोटा अनुमान लगाया जा सकता है। वेदर और एकोलॉजिक ल एक्सपर्ट डॉ.एसएन सुनील पांडेय भी मानते हैं कि प्रकृति की गर्मी का वेग अलग होता है जबकि ईंधन ट्रैंक के आग का गोला बनने में अलग तरह की गर्मी या ऊर्जा जेनरेट होती है , जो कम से कम डेढ़ किलोमीटर के रेडियश में हर किसी को बेदम कर देती है।