कहते है दुर्घटना से देर भली… ये सिर्फ एक कहावत नही है बल्कि ये सच है, किसी स्थान पर देरी से पहुचना हर समय गलत साबित नही होता है इस बात की सच्चाई अहमदाबाद विमान हादसा मे आ चुकी है। महज 10 मिनट की देरी ने आज एक जिंदगी को नया जीवनदान दिया है। यह हादसा इतना भयानक था जिसे देख सभी की रूंह कांप गई। इस दुखद और दर्दनाक घटना ने कई परिवार उजाड़ दिए। किसी ने अपने बच्चों को खोया तो किसी ने माता-पिता, भाई-बहन को।
हादसा अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज परिसर की एक इमारत पर हादसा हुआ, प्लेन मे 242 लोग सवार लोगो में 241 लोगो की मौत हो गई और 1 व्यक्ति की जान बच गई। भरूच की रहने वाली भूमि चौहान की 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हुए प्लेन हादसे के दौरान भूमि एयरपोर्ट पर ही थीं। लेकिन समय ज्यादा हो जाने के कारण उन्हें बोर्डिंग नहीं मिली। और वह प्लेन मे सफर नही कर पाई,
भूमि के लिए ट्रैफिक में अचानक फंस जाना जीवनदान साबित हुआ। वे 10 मिनट की देरी से सरदार बल्लभभाई एयरपोर्ट पहुंची थीं। इसके चलते उन्हें फ्लाइट में बोर्डिंग की इजाजत नहीं मिली। तब तो उन्हें महज 10 मिनट की देरी के चलते फ्लाइट न पकड़ने पर काफी अफसोस हुआ होगा। लेकिन उनको क्या पता था कि इस देरी ने मुझे एक नया जीवनदान दिया है।
गुजरात के भरूच की रहने वाली भूमि चौहान कल की फ्लाइट AI-171 से चूक गईं, जो दुर्घटनाग्रस्त हो गई और उसमें सवार 242 लोगों में से 241 लोग, जिनमें क्रू मेंबर भी शामिल थे, उन सभी ने अपनी जान गंवाई। बता दें भूमी लंदन मे अपने पति के साथ रहती है और वे करीब दो साल बाद भारत छुट्टियां मानने आई थी लेकिन वह वापस लौट रही थी, शायद भगवान को ये मंजूर नही थी और भूमि की जान बच गई, हालांकि अब वो इसके लिए भगवान का शुक्रिया अदा कर रही हैं।
भूमि चौहान कहती हैं, “… सरदार बल्लभभाई एयरपोर्ट पहुची थी लेकिन हम चेक-इन गेट पर 10 मिनट देरी से पहुंचे, लेकिन उन्होंने मुझे अंदर नही जाने दिया और मैं वापस लौट आई। उन्होंने कहा कि इससे फ्लाइट में और देरी होगी। अहमदाबाद शहर में ट्रैफिक की वजह से मैं लेट हो गई। लेकिन जब मुझे इस घटना के बारे मे पता चला कि फ्लाइट दुर्घटनाग्रस्त हो गई है, तो मैं पूरी तरह से दंग रह गई। भूमि का कहना है कि मेरे गणपति बप्पा ने मुझे बचा लिया।