दुबई के अबू धाबी की अलबदावा जेल में कैद यूपी के बांदा की निवासी शहजादी की फांसी हो चुकी है, अबू धाबी की कोर्ट ने 15 फरवरी को से सजा-ऐ-मौत मौत की सजा सुनाई थी इसके बाद अब तक कोई भी रिपोर्ट सामने नही आई, हांलाकि महिला शहजादी खान को 15 फरवरी को ही फांसी दी गई। विदेश मंत्रालय ने आज, सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट को यह जानकारी दी।
आपको बता दें कि 2021 मे बांदा के मटौंध थाना क्षेत्र के गांव गोयरा मुगली की रहने वाली शहजादी को दुबई के अबू धाबी भेजा गया था। शहजादी को अबू धाबी भेजने में आगरा के निवासी उजैर का पूरा किरदार बताया जाता है जिसने शहजादी को लक्जरी लाइफ का लालच देकर वहां पर आगरा के ही रहने वाले एक दंपति के हाथों बेच दिया था।
दुबई पहुचने के बाद शहजादी अबू धाबी में एक दंपति के बेटे की देखरेख की नौकरी करती थी और एक दिन उस बच्चें की अचानक मौत हो गई जिस पर उस दंपति ने शहजादी के ऊपर बच्चे की मौत का आरोप लगाया था जिस पर अबू धाबी की कोर्ट ने जांच के बाद शहजादी को गिरफ्तार कर उसे सजा-ऐ-मौत सुनाई थी। इसके बाद पीड़िता के पिता शब्बीर खान ने जिला प्रशासन शासन और सरकार को सूचना भेजी थी और इस मामले में बेटी शहजादी को बचाने की अपील की थी।
पिता शब्बीर ने बताया कि 14 फरवरी शुक्रवार की रात 11 बजे शहजादी का दुबई की आबूधाबी जेल से फोन आया और बेटी फफक कर रोने लगी। फिर पिता ने बताया बेटी बोली-लास्ट है मै अब दोबारा फोन नही कर पाउंगी, पिता ने आगे बताया कि उसके विरोधियों के खिलाफ बांदा में जो मुकदमा दर्ज कराया गया है उसको वापस लेने की भी अपील शहजादी ने की है।
आपको यह भी बता दें कि पीड़िता शहजादी जब छोटी थी तभी किचन में काम करते समय आग से बुरी तरह से झुलस गई थी जिससे वह परेशान रहती थी और 2020 में सोशल मीडिया प्लेफाॅर्म के माध्यम से उसकी जान पहचान आगरा में रहने वाले उजैर नाम के एक व्यक्ति से हुई थी जिससे दिन पर दिन उसकी नजदीकियां बढ़ती रही और 2021 में उजैर शहजादी के चेहरे का इलाज करने का बहाना बनाकर उसको अपने साथ आगरा ले गया था उसके बाद कथित उजैर ने उसको लग्जरी लाइफ जीने का लालच देकर अपने साथ अबू धाबी ले गया जहां उसने अपने रिश्तेदार दंपति फैज और नादिया के हवाले कर दिया और यहीं पर इस दंपति के चार माह के बच्चे की मौत हो गई थी।