विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हालिया भारत-पाकिस्तान के तनाव के बीच बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पाकिस्तान से अगर बात होगी तो सिर्फ आतंकवाद और पीओके पर बात होगी। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि दोनों देशों के बीच किसी तीसरे पक्ष का दखल मंजूर नहीं होगा। दोनों देश द्विपक्षीय स्तर ही मामले को सुलझाएंगे।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने होंडुरास दूतावास के उद्घाटन के दौरान कहा, हमारे लिए यह काफी खुशी की बात है कि हमारे पास होंडुरास का नया दूतावास है। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, अमेरिका औऱ भारत के बीच व्यापार वार्ता चल रही है। ये जटिल वार्ताएं हैं। जब तक सब कुछ तय नहीं हो जाता, तब तक कुछ भी तय नहीं होता। कोई भी व्यापार सौदा परस्पर लाभकारी होना चाहिए, इसे दोनों देशों के लिए फलदायक होना चाहिए। व्यापार सौदे से हमारी यही मांग होगी। जब तक ऐसा कुछ नहीं हो जाता, इस पर कोई भी निर्णय लेना जल्दबाजी होगी।
जयशंकर ने कहा सिंधु जल संधि स्थगित है और तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को अपरिवर्तनीय और विश्वसनीय रूप से नहीं रोका जाता, कश्मीर पर चर्चा के लिए एकमात्र मुद्दा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है, हम उस चर्चा करने के लिए तैयार हैं।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा पाकिस्तान के साथ हमारे व्यवहार और संबंध पूरी तरह से द्विपक्षीय होंगे। यह वर्षों से राष्ट्रीय सहमति है और इसमें बिल्कुल भी बदलाव नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री ने यह ये साफ कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल आतंकवाद पर होगी और POK पर होगी। पाकिस्तान के पास आतंकवादियों की एक सूची है जिसे सौंपे जाने की आवश्यकता है और उन्हें आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को बंद करना होगा। वे जानते हैं कि क्या करना है। हम उनके साथ आतंकवाद के बारे में चर्चा करने के लिए तैयार हैं।
एस जयशंकर ने आगे कहा हमें वास्तव में काफी सारा अंतर्राष्ट्रीय समर्थन मिला है हमारे पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव था कि अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, और पहलगाम हमके के 15 दिनों बाद 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत से उन्हें जवाबदेह ठहराया गया।