इजराइल-ईरान के बीच तनाव बढता ही जा रहा है, दोनों देश एक दूसरे पर वार पे वार किए जा रहे है ऐस में उन भारतीय में बीच खुशी की लहर है जो तनाव के बीच ईरान में फंसे हुए है, ईरान ने सोमवार को विदेशी नागरिकों को देश छोड़ने की इजाजत दे दी है। इस बात की जानकारी भारत के अपील करने बाद सामने आई है भारत ने कहा था कि ईरान में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए।
बता दें कि इजरायल के मिसाइल हमलों के चलते ईरान में हालात गंभीर हैं. ईरान में 1,500 स्टूडेंट्स सहित लगभग 10 हजार भारतीय फंसे हैं। ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मौजूदा हालात में देश के एयरपोर्ट भले ही बंद हैं लेकिन लैंड बॉर्डर्स खुले हुए हैं। ताकि लोग बाहर जा सकें.” बताया जा रहा है की छात्रों को आर्मेनिया बॉर्डर पर नॉरदुज चौकी से बसों से निकाला जाएगा।
ईरान के विदेश मंत्रालय ने भारत के राजनयिक मिशन को सहायता देने की बात पर जोर दिया। साथ ही कहा कि भारतीय नागरिकों और राजनयिकों की सुरक्षित निकासी के लिए जरूरी इंतजाम किए जाएंगे। इसके लिए ईरान ने बयान जारी कर भारत से निकासी करने वालों के नाम, पासपोर्ट का नंबर, यात्रा वाली वाहन की जानकारी, यात्रा का समय और सीमा बिंदु जैसी जानकारी साझा करने को कहा है।
ईरान में भारतीय छात्र मदद की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन सरकार काफी हद तक उदासीन बनी हुई है, जबकि आसमान से मिसाइलें बरस रही हैं। उड़ानें निलंबित होने, तेहरान के ऊपर हवाई क्षेत्र बंद होने और इंटरनेट एक्सेस बाधित होने के कारण 1500 से अधिक भारतीय छात्र अनिश्चितता और अनिश्चितता की स्थिति में हैं – निकासी या सुरक्षित क्षेत्रों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
कांग्रेस ने क्या कहा ?
कांग्रेस नेता पवन खेरा ने कहा ईरान में भारतीय दूतावास की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के कारण छात्र संकट में फंसे हुए हैं: “कल रात के हमले के बाद हम सदमे में हैं। भारतीय दूतावास से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। हमारे परिवार घबराए हुए हैं। यह पहली बार नहीं है जब भारतीय नागरिकों को विदेशी संकटों के दौरान मदद की गुहार लगानी पड़ी है। चाहे वह सूडान हो, यूक्रेन हो या अब ईरान, मोदी की सरकार ने निकासी को प्रचार के अवसरों में बदल दिया है – देर से कदम उठाना, बहुत अधिक बोलना और बहुत कम करना, बहुत धीमी गति से। विदेश मंत्रालय को निष्क्रिय सलाह से आगे बढ़ना चाहिए तथा सुरक्षित निकासी की संभावना और कम होने से पहले ही तत्काल एक समन्वित निकासी तंत्र स्थापित करना चाहिए – जिसमें आपातकालीन प्रतिक्रिया दल, वास्तविक समय संचार चैनल और रसद सहायता शामिल हो।
बता दें इजराइल के हमले से ईरान में अब तक करीब 200 लोग मारे गए हैं, जबकि 1,000 से अधिक लोग घायल हैं। वहीं ईरानी हमलों से इजराइल में अब 24 लोग मारे गए हैं। रविवार को ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने चेताया कि अगर इजरायल हमले जारी रखता है, तो जवाब और ज्यादा तीव्र और व्यापक होगा।