भारतीय जनता पार्टी का BJP का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? सियासी गलियारों में गूंज रहे इस सवाल का जवाब जल्द मिल जाएगा। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने PM आवास पर पार्टी नेताओं संग अहम बैठक की। सूत्रों के मुताबिक एक हफ्ते के भीतर पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की घोषणा हो सकती है।
बता दें PM आवास पर पार्टी नेताओं के नेताओं की अहम बैठक मे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. गृह मंत्री अमित शाह,नड्डा और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी.एल. संतोष शामिल हुए। बैठक में कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के अध्यक्षों के नामों पर चर्चा हुई है। अगले दो-तीन दिनों में करीब आधा दर्जन राज्यों के अध्यक्षों की घोषणा हो सकती है। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया 20 अप्रैल के बाद कभी भी शुरू हो सकती है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का जनवरी में चुनाव होना था, लेकिन अब अप्रैल चल रहा है। जेपी नड्डा 2020 जनवरी से राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। पार्टी संविधान के मुताबिक जनवरी, 2023 में उनका कार्यकाल खत्म हो गया, लेकिन लोकसभा चुनाव समेत कई बड़े चुनावों के मद्देनजर उनका कार्यकाल आगे बढ़ा दिया गया।
भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत की मंजूरी से होगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में कई नाम सुर्खियां बटोर रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान, सुनील बंसल, धर्मेन्द्र प्रधान, रघुवर दास, वानति श्रीनिवासन, डी. पुरंदेश्वरी, स्मृति ईरानी, तमिलिसाई सौंदर्यराजन और पार्टी महासचिव विनोद तावड़े का नाम सियासी गलियारों में सुर्खियां बटोर रहा है।
इस रेस मे पहला नाम शिवराज सिंह का है।
शिवराज सिंह चौहान: शिवराज सिंह चौहान 6 बार लोकसभा चुनाव के विजेता है। और 4 बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। मुख्यमंत्री रहते हुए लाडली बहना योजना शुरू की, जो विधानसभा चुनाव में गेमचेंजर साबित हुई। ये योजना दूसरे राज्यों के लिए रोल मॉडल बन गई। 13 साल की उम्र में RSS से जुड़े और इमरजेंसी के दौरान जेल भी गए। OBC कैटेगरी से हैं। 2005 में मध्य प्रदेश BJP के अध्यक्ष रहे हैं। RSS की लिस्ट में शिवराज सबसे ऊपर हैं।
इस रेस मे दूसरा नाम सुनील बंसल का है, सुनील बंसल का जन्म 20 सितंबर 1969 में हुआ है। उन्होंने छात्र जीवन से ही राजनीति शुरू कर दी थी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य के तौर पर उन्होंने राजनीति शुरू की। लोकसभा चुनाव 2014 से पहले यूपी में चुनावी माहौल गरमा रहा था। इसी दौरान आरएसएस ने उन्हें यूपी के राजनीतिक मैदान में उतारने का फैसला लिया।सुनील बंसल के पास 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी और फिर 2017 में प्रभारी की जिम्मेदारी रहते हुए पार्टी को कामयाबी दिलाई। इसके अलावा ओडिशा, बंगाल और तेलंगाना के प्रभारी के रूप में मिली कामयाबी भी बड़ा प्लस पॉइंट है। सुनील बंसल को UP में BJP का चाणक्य तक कहा गया है। संघ से नजदीकी के साथ-साथ संगठन में भी अच्छी पकड़ है।
धर्मेन्द्र प्रधान: वर्तमान में केंद्रीय शिक्षा मंत्री और भाजपा के एक अनुभवी संगठनकर्ता हैं। ओडिशा से आते हैं, जहां BJP अपनी पकड़ और भी ज्यादा मजबूत करना चाहती है। मोदी और शाह की टीम के भरोसेमंद सदस्य। 40 साल का राजनीतिक अनुभव, बड़े OBC नेता है। 14 साल की उम्र में ABVP से जुड़े और 2010 में BJP के राष्ट्रीय महासचिव बने। संगठन में मजबूत पकड़, 2 बार लोकसभा और 2 बार राज्यसभा सदस्य बने।
रघुवर दास: रघुवर दास झारखंड के पहले गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने झारखंड में 5 साल का स्थिर शासन दिया, जो राज्य में पहली बार हुआ। उनकी जमीनी कार्यकर्ताओं और भाजपा संगठन में मजबूट पकड़ है। OBC समुदाय से आने के कारण भाजपा को सामाजिक समीकरण में नई बढ़त मिल सकती है। उनकी वजह से पूर्वोत्तर में भाजपा को विस्तार मिल सकता है।
वानति श्रीनिवासन: 1993 से भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी हुई हैं। वें वर्तमान में भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। ऐसे में संगठनात्मक कार्यों में उनका अनुभव है। तमिलनाडु में कोयंबटूर दक्षिण सीट से कमल हासन जैसे बड़े नेता को हराया था। तमिलनाडु में भाजपा को मजबूत करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पति श्रीनिवासन विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में परिवार संघ और BJP के काफी करीबी हैं।
डी. पुरंदेश्वरी: पूर्व मुख्यमंत्री और TDP संस्थापक एनटी रामाराव (NTR) की बेटी हैं। उन्होंने पहले कांग्रेस में रहकर केंद्रीय मंत्री के रूप में काम किया, फिर BJP में शामिल हुईं। फिलहाल आंध्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हैं। इनको राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने से पार्टी को तेलुगु राज्यों (आंध्र प्रदेश और तेलंगाना) के जनाधार में फायदा मिल सकता है।
स्मृति ईरानी: कई अहम मंत्रालय संभालने के साथ प्रशासनिक अनुभव है। पार्टी के लिए मजबूत महिला चेहरा। RSS के साथ अच्छे संबंध और हिंदी बेल्ट के साथ दक्षिण भारत में भी प्रभावी।
तमिलिसाई सौंदर्यराजन: राष्ट्रीय सचिव समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वे 1999 से भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी हुई हैं। तमिलनाडु में भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष (2014-2019) रह चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के करीबी नेताओं में गिनी जाती हैं। तमिलनाडु में भाजपा को विपक्ष में रहते हुए भी पार्टी के विस्तार में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।