भारत-पाकिस्तान के सीजफायर के बीच सीजफायर की सहमति बन चुकी है, इसमे सबसे बड़ा हाथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का है, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और पाकिस्तान ने आज गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनाई है। इस बीच राजनीतिक दलों की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं। आइए जानते हैं किसने क्या कहा।
सीजफायर पर बीजेपी ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भारत और पाकिस्तान के बीच सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर बनी सहमति पर कहा, “यह बहुत ही अप्रत्याशित है कि हमें अमेरिकी राष्ट्रपति से पता चला कि यह हो गया है। भारत जो प्रश्न पूछना चाहता है, वे केवल संसद के विशेष सत्र में ही पूछे जा सकते हैं। कांग्रेस एक विशेष सत्र की मांग करती है, देश को यह जानने का हक है कि पिछले 5-7 दिनों में भारत ने क्या हासिल किया और क्या खोया। पहलगाम के पीड़ितों को यह जानने का हक है कि उन्हें न्याय मिला या नहीं…
भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम समझौते पर PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, “सबसे पहले मैं इसमें हस्तक्षेप के लिए अमेरिकी डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद देना चाहूंगी और इसके साथ ही मैं अपने देश के नेतृत्व और पाकिस्तान का भी शुक्रिया अदा करना चाहते हैं क्योंकि दोनों देश संघर्ष विराम पर सहमत हुए। क्योंकि जब हमारे देश और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है तो सबसे ज्यादा तकलीफ जम्मू-कश्मीर के लोगों को होता है…
पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए बनी सहमति पर कहा, “आज शुभ समाचार मिला है कि दोनों देश सहमत हो गए हैं। पंजाब के लिए इसका बहुत बड़ा महत्व है… आतंकवाद की लड़ाई में कुरुक्षेत्र की भूमि पंजाब की भूमि बननी थी इसलिए पंजाब के लोगों को इसकी खुशी है क्योंकि सीमावर्ती राज्य होने के वजह से हमने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध लड़ा है… हम केंद्र सरकार के समक्ष पंजाब के लिए एक विशेष आर्थिक पैकेज की मांग उठाएंगे और मुझे पूरी उम्मीद है कि इस पर सार्थक निर्णय आएगा।
भाजपा नेता कविंदर गुप्ता ने भारत और पाकिस्तान के बीच सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर बनी सहमति पर कहा, “पाकिस्तान हमेशा से आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है और इसके परिणामस्वरूप ऐसे हालात पैदा हुए हैं। हमने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया… भारत हमेशा शांति का संदेश देता है लेकिन अगर कोई ऐसी हरकत करता है तो उसे मुंहतोड़ जवाब भी देता है, पाकिस्तान को यह बात समझ आ जानी चाहिए।
RJD सांसद मनोज झा ने भारत और पाकिस्तान के बीच सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर बनी सहमति पर कहा, “मेरा स्पष्ट मानना है कि हिंदुस्तान कभी युद्ध में नहीं घुसा, हम पर युद्ध थोपा गया लेकिन जब लड़े तो बहादुरी से लड़े। सेना के शौर्य और पराक्रम को सलाम… मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि जंग नहीं चाहते ठीक है लेकिन संदेश गया या नहीं? क्योंकि हमें आगे अपने नागरिकों की जान नहीं गंवानी… पूरा देश एकजुट है, संसद का एक विशेष सत्र बुलाया जाए, सेना के पराक्रम, शौर्य की चर्चा के साथ एक साझा संदेश न सिर्फ पड़ोसी मुल्क बल्कि पूरी दुनिया को दिया जाए।
भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम समझौते पर कहा, “भारत कभी भी युद्ध के पक्ष में नहीं रहा है, पूरी दुनिया ने भारत की सहनशीलता देखी है… अगर पाकिस्तान हमारी विनम्रता को हमारी कमजोरी समझता है, तो दुनिया ने देख लिया है कि भारत किसी से कमजोर नहीं है… पाकिस्तान की सरकार और वहां की जनता से अनुरोध है कि वह ऐसा कुछ न करें जिससे भारत उसकी सहनशीलता से बाहर आए।
भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जिस तरह भारत की सेना ने अपने शौर्य, पराक्रम का परिचय दिया… प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत सरकार जो निर्णय लेगी, सब सही लेगी। ये भारतीय पक्ष की जीत भी है… जिस प्रकार सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक हुई थी, इस बार भारत ने तकनीकी रूप से जो कार्रवाई की है, मैं प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देना चाहूंगा।
भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम समझौते पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “शांति जरूरी है…मैं बहुत खुश हूं। भारत कभी भी दीर्घकालिक युद्ध नहीं चाहता था। भारत आतंकवादियों को सबक सिखाने के लिए युद्ध चाहता था और वह सबक सिखाया गया है
भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “भारत सरकार के प्रवक्ता की तरफ से भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का ऐलान हुआ, मैं इसका स्वागत करता हूं। अगर 2-3 दिन पहले ये हुआ होता तो हमने जो कीमती जानें गवाई वो नहीं होता। अब जम्मू-कश्मीर सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि जहां-जहां नुकसान हुआ है उसका मुआयना करें और लोगों को राहत पहुंचाना शुरू करें। जिनकी जान गई है हम उनके परिवार के गम में शरीक होकर उन्हें राहत पहुंचाने की कोशिश करेंगे।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष रमन सिंह ने भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए बनी सहमति पर कहा, “…भारत ने आतंकवादी स्थलों को नष्ट कर दिया और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों को दंडित किया गया…भारत द्वारा शुरू किए गए अभियान के कारण पाकिस्तान भारी दबाव में आ गया…हम भारत और पाकिस्तान के बीच बनी सहमति का स्वागत करते हैं और भारत हमेशा शांति चाहता है…”
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भारत पाकिस्तान संघर्षविराम समझौते पर कहा, “हम इसका स्वागत करते हैं। संघर्ष विराम होना चाहिए था क्योंकि जो आम आदमी मासूम लोग हैं वही मारे जाते हैं लेकिन पाकिस्तान को समझना चाहिए कि इसकी वजह क्या थी, हमारे 26 नागरिकों को बेरहमी से मारा गया … संघर्षविराम हुआ अच्छी बात है लेकिन आगे से ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए।
कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खरगे ने भारत पाकिस्तान संघर्षविराम समझौते पर कहा, “हमने पहले भी स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत सरकार देश की ओर से जो भी निर्णायक निर्णय लेगी, हम उसका पालन करेंगे। हम उसका पूरा समर्थन करेंगे… आतंकवाद किसी धर्म या युद्ध विराम को नहीं समझता है, आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए हमें एक राष्ट्र के रूप में तैयारी रखनी चाहिए…
जम्मू-कश्मीर के पूर्व DGP शेष पॉल वैद ने भारत पाकिस्तान संघर्षविराम समझौते पर कहा, “मुझे लगता है कि भारत ने शर्त रखी है कि पाकिस्तान आतंकवाद बंद करेगा, इसलिए भारत ने कहा कि आतंकवाद की कोई भी कार्रवाई युद्ध की कार्रवाई होगी… संघर्ष विराम का स्वागत है। भारत कभी किसी देश के खिलाफ आक्रामक तरीके से काम नहीं करता, हमारी नीति बहुत स्पष्ट है। हम विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं, हमारी दौड़ तीसरी, दूसरी, पहली अर्थव्यवस्था बनने की है। हम युद्ध, आतंकवाद में विश्वास नहीं करते।