केंद्र सरकार ने बुधवार 30 अप्रैल यानि की आज देश में जाति जनगणना को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसे मूल जनगणना के साथ ही कराया जाएगा। देश में इसी साल के आखिर में बिहार विधानसभा के चुनाव होने हैं। सरकार के इस फैसले का एनडीए में उसकी सहयोगी जनता दल यूनाइटेड ने स्वागत किया है।
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी मीडिया को दी. उन्होंने कहा, “राजनीतिक मामलों की कैबिनेट बैठक ने आज फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए.” अब केंद्र सरकार के इस फैसले का बिहार की सत्ता पर काबिज जेडीयू ने स्वागत किया है. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने इस कदम के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है. बता दें जनगणना की प्रोसेस पूरा होने में करीब एक साल लगेगा। ऐसे में जनगणना के अंतिम आंकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में मिल सकेंगे।
कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल जाति जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जाति जनगणना की शुरुआत सितंबर में की जा सकती है। देशभर में आगामी जनगणना के साथ जातीय गणना भी कराने के ऐतिहासिक फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का संपूर्ण जदयू परिवार की ओर से कोटिश: आभार एवं अभिनंदन. हमें विश्वास है, इस फैसले से वंचित तबकों के कल्याण एवं उत्थान के लिए और अधिक कारगर योजना बनाने में मदद मिलेगी.
फैसले पर किसने क्या कहा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, “सामाजिक न्याय के लिए संकल्पित मोदी सरकार ने आज एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है।प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज हुई CCPA की बैठक में, आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने का निर्णय लेकर सामाजिक समानता और हर वर्ग के अधिकारों के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता का संदेश दिया गया है।
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने केंद्रीय कैबिनेट द्वारा जाति जनगणना को राष्ट्रीय जनगणना में शामिल किए जाने की घोषणा पर कहा, “हमें ऐसी किसी जनगणना या सर्वे से कोई दिक्कत नहीं है, जिससे समाज के बारे में बेहतर जानकारी मिले लेकिन सिर्फ जातिगत जनगणना हो जाने मात्र से देश में सुधार नहीं होगा बल्कि गणना के आधार पर जो निष्कर्ष निकलकर आए और सरकार उस पर काम करेगी तब सुधार होगा।
जाति जनगणना को राष्ट्रीय जनगणना में शामिल किए जाने पर कांग्रेस नेता टी.एस. सिंहदेव ने कहा, “मैं सबसे पहले राहुल गांधी को बधाई देना चाहूंगा और उनके साथ समविचार रखने वाले सभी लोगों को जो बार-बार इस बात को उठा रहे थे कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए ताकि सरकारें जो बजट का पैसा खर्च करें वो इस बात को जानकर खर्च करे कि सामज का कौन-सा वर्ग है जो पीछे रह गया इसलिए ये बहुत जरूरी था…ये किन कारणों से पीछे रह जा रहा है ये सब बिना जनगणना के पता ही नहीं चलेगा…मैं संतोष है कि अंतत: न्याय की जीत हुई… देश को इस निर्णय के बाद सही परिणाम मिलेगा।”
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने केंद्रीय कैबिनेट द्वारा जाति जनगणना को राष्ट्रीय जनगणना में शामिल किए जाने की घोषणा पर कहा, “ये बहुत ही ऐतिहासिक फैसला है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया है। प्रधानमंत्री मोदी हमेशा देश की भावनाओं को समझते हैं।
केंद्रीय कैबिनेट द्वारा जाति जनगणना को राष्ट्रीय जनगणना में शामिल किए जाने की घोषणा पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “केंद्रीय कैबिनेट द्वारा आज राष्ट्रीय जनगणना में जाति जनगणना का विषय जोड़ा गया है। इसका मैं स्वागत करता हूं…”
राष्ट्रीय जनगणना में जाति जनगणना को शामिल किए जाने पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देता हूं…प्रधानमंत्री मोदी ने जाति जनगणना को राष्ट्रीय जनगणना के साथ जोड़ने का काम किया है…”
केंद्रीय कैबिनेट द्वारा जाति जनगणना को राष्ट्रीय जनगणना में शामिल किए जाने की घोषणा पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, “अगर केंद्रीय कैबिनेट ने यह फैसला लिया है, तो इसका संचालन किया जाएगा