जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की खूबसूरत वादियों के बीच 22 अप्रैल को हुए भयानक आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद पूरे देश में आक्रोश है। इस हमले के जवाब में केंद्र सरकार ने सख्त फैसला लिया है। सरकार ने कहा है कि भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को देश से बाहर निकाला जाएगा। वहीं, अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत सरकार कई बड़े फैसले ले चुकी है जिससे पाकिस्तान मे डर का महौल है पहले सिंधु घाटी का पानी दूसरा पाकिस्तानी वीजा को रद्द किया और फिर भारत मे रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को अपने मुल्क मे लौटने का फैसला किया। इस आदेश के बाद सभी राज्यों की इंटेलिजेंस एजेंसी एक्टिव हो गई हैं और सभी राज्यों में पाकिस्तानी-बांग्लादेशियों की धड़पकड़ जारी है। वहीं अब ये जानकारी सामने आई है कि तय समय पर भारत न छोड़ने वाले पाकिस्तानियों को जेल और जुर्माने का सामना करना पड़ेगा।
केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित समयसीमा के भीतर भारत नहीं छोड़ने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया जाएगा और उन पर मुकदमा चलाया जाएगा। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए देश छोड़ने का नोटिस जारी किया था। देश छोड़ने की समयसीमा 26 अप्रैल निर्धारित की गई थी। जबकि इलाज के लिए मेडिकल वीजा पर आए पाकिस्तानी नागरिकों के लिए अंतिम तिथि 29 अप्रैल है। इसके बाद उनका रहना अवैध माना जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, कोई भी पाकिस्तानी नागरिक, जो सरकार की तरफ से निर्धारित समय-सीमा के भीतर भारत छोड़ने में विफल रहता है, उसे गिरफ्तार किया जाएगा, उस पर मुकदमा चलाया जाएगा और उसे 3 साल तक की जेल या अधिकतम 3 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों सजाओं का सामना करना पड़ सकता है।
अमित शाह ने शुक्रवार 25 अप्रैल को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन किया और बात की। सूत्रों के मुताबिक अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों से अपील की कि वे इस काम को सबसे बड़ी प्राथमिकता दें और अपने-अपने राज्यों में कानून-व्यवस्था बनाए रखें. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान और उनके वीजा रद्द करने की प्रक्रिया में कोई देरी नहीं होनी चाहिए.बता दें यह कदम पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में उठाया गया है, जिसने पूरे देश को दंग कर दिया है। क्या यह कार्रवाई किसी बड़ो एक्शन की ओर इशारा कर रही है? बता दें ग्रहमंत्री शाह ने मुख्यमंत्रियों को सख्त निर्देश दिए है कि सभी प्रकार के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द किए जा रहे हैं और पाकिस्तानी नागरिकों को जल्द से जल्द उनके देश वापस भेजने के लिए कदम उठाए जाएं। बका दें इससे पहले 23 अप्रैल को नई दिल्ली में CCS की एक उच्च-स्तरीय बैठक हुई। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई और पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने का फैसला लिया गया। भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
सीसीएस (CCS) की बैठक के बाद उसी रात विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई बड़े फैसलें लिए गए। नई दिल्ली में पाकिस्तानी हाई कमीशन के रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया गया और उन्हें एक सप्ताह में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया।
भारत ने भी इस्लामाबाद में अपने हाई कमीशन से अपने रक्षा सलाहकारों को वापस बुलाने का फैसला किया। दोनों देशों के हाई कमीशन में अधिकारियों की संख्या को 55 से घटाकर 30 करने का निर्णय लिया गया। बीते दिन गृहमंत्री अमित शाह और देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें पहलगाम हमले जानकारी दी फिर सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी। इस दौरान राष्ट्रपति को पाकिस्तान और भारच के बीच बढ़ते तनाव और कूटनीतिक कदमों के बारे में विस्तार के साथ बताया गया। वहींं 24 अप्रैल की रात को केंद्र सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। इस बैठक में अमित शाह भी मौजूद थे। बैठक में पहलगाम हमले हुए आतंकी घटना पर चर्चा हुई और सभी दलों ने एकजुटता दिखाते हुए सरकार के फैसलों का समर्थन किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं ने भी बैठक में हिस्सा लिया और सरकार के कदमों की सराहना की, हालांकि सुरक्षा चूक पर सवाल भी उठाए गए।