गोवा के शिरगांव गांव में श्री लैराई जात्रा यात्रा के दौरान भगदड़ मचने से 7 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 50 से अधिक लोग घायल हैं। जिनमें 20 गंभीर हैं। राहत-बचाव कार्य जारी है। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
शुक्रवार शाम को बड़ी संख्या में श्रद्धालु जात्रा में शामिल होने मंदिर की ओर जा रहे थे। इसी दौरान एक दुकान के सामने बिजली के तार से करंट लगने के बाद कुछ लोग गिर गए। तभी अफरा-तफरी हुई और भगदड़ मच गई। क्राउड मैनेजमेंट के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने की वजह से हादसा हुआ। हादसे की चपेट मे आकर सैकड़ों श्रद्धालुओं के उत्साह को मातम में बदल गए। बका दें जहां हादसा हुआ यह मंदिर गोवा की राजधानी पणजी से करीब 40 किलोमीटर दूर बिचोलिम तालुका में स्थित है। इस हादसे ने न केवल गोवा, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। वहीं हादसे के लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुख जताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से बात की। उन्होंने भगदड़ वाली जगह का जायजा लिया और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने मुख्यमंत्री से घायलों से मिलने और उनके उचित इलाज की निगरानी करने का भी आग्रह किया। प्रधानमंत्री मोदी ने सावंत से कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से घायलों से मिलें और उनके इलाज पर ध्यान दें। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पीएम ने लिखा, “गोवा के शिरगांव में भगदड़ के कारण हुई लोगों मौतों से दुखी हूं। अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों की सहायता कर रहा है। वहीं मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा आज सुबह शिरगांव के लैराई जात्रा में हुई दुखद भगदड़ से मैं बहुत दुखी हूँ। मैं घायलों से मिलने अस्पताल गया और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहा हूँ ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हर आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।
कैसे मची भगदड़
शिरगांव गांव में श्री लैराई जात्रा यात्रा का आयोजित होने वाला हिंदू धार्मिक उत्सव है। जात्रा हर साल अप्रैल और मई में होती है। इसमें गोवा्कि, कर्नाटक और महाराष्ट्र से हजारों श्रद्धालु आते हैं। दरअसल, लैराई देवी जात्रा में करीब 45 से 50 हजार भक्त शामिल हुए थे. मंदिर परिसर में इतनी बड़ी भीड़ उमड़ जाएगी, इसका किसी को अंदाजा भी नहीं था. काफी समय तक भीड़ को संभालने की कोशिश की गई, मगर लोगों का हुजूम बढ़ता ही जा रहा था, देखते ही देखते भीड़ इतनी ज्यादा हो चुकी थी की श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई और यह भीड़ भगदड़ में बदल गई. इसके बाद सब अपनी-अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे कोई. प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो भीड़ के एक हिस्से के नियंत्रण खो देने के बाद स्थिति और बिगड़ गई. स्थानीय लोगों और मंदिर के स्वयंसेवकों ने लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए दौड़ लगाई, तब तक हालात काफी बिगड़ चुके थे। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और आपातकालीन सेवाएं मौके पर पहुंचीं और तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। घायलों को जल्द से जल्द नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने अभी तक भगदड़ के पीछे की असली वजह की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, भीड़ ज्यादा होने और उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण यह हादसा हुआ है। बता दें इस अनुष्ठान के लिए 1 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. बावजूद इसके भगदड़ मच गई।