देशभर में रोजाना सड़क दुर्घटना होती है, इस हादसे की वजह से किसी की मां-पिता किसी के भाई बहन जान चली जाती है. कुछ की जान इस वजह से भी चली जाती है कि उन्हें समय पर उपचार नहीं मिल पाता है. या कुछ लोग पैसे के इंतजाम न होने की वजह से उपचार नहीं करा पाते हैं. सड़क हादसों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. बता दें कि मोदी सरकार ने कहा है कि हादसे का शिकार हुए लोगों को 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा. जानिए क्या है योजना.
केंद्र सरकार ने मंगलवार को एक अधिसूचना जारी कर देशभर में सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए ₹1.5 लाख तक की कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम की घोषणा की है। सड़क परिवहन मंत्रालय की एक गैजेट अधिसूचना के मुताबिक- कोई सड़क हादसा मोटर वाहन की वजह से होता है, तो उसमें घायल व्यक्ति का इलाज कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम के तहत किया जाएगा। पीड़ित के साथ हादसा चाहे किसी भी सड़क पर हुआ हो।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डेढ़ लाख की राशि को बढ़ाकर ₹2 लाख रुपए किए जाने की भी तैयारी चल रही है। किसी सड़क हादसे के बाद का एक घंटा ‘गोल्डन ऑवर’ कहलाता है। इस दौरान इलाज न मिल पाने से कई मौतें हो जाती हैं। इसी को कम करने के लिए यह योजना शुरू की जा रही है। अस्पताल को प्राथमिक उपचार के बाद बड़े अस्पताल में रेफर करना है तो उस अस्पताल को तय करना होगा कि जहां रेफर किया जा रहा है, वहां मरीज को दाखिला मिले। डेढ़ लाख तक कैशलेस इलाज होने के बाद उसके भुगतान में नोडल एजेंसी के रूप में NHAI काम करेगा। यानी इलाज के बाद मरीज या उनके परिजन को डेढ़ लाख तक की रकम का भुगतान नहीं करना है। यदि इलाज में डेढ़ लाख से ज्यादा का खर्च आता है तो बढ़ा बिल मरीज या परिजन को भरना होगा।
क्या फायदा होगा?
- इस स्कीम के शुरू होने के बाद हादसे के बाद घायल को इलाज को लेकर होने वाले पैसे की टेंशन नहीं होगी। इसके तहत अब 1.5 लाख रुपये तक का इलाज फ्री में मिलेगा।
- हादसे के तुरंत बाद अस्पताल में भर्ती होने के बाद शुरू के 7 दिन तक का इलाज फ्री में किया जाएगा, जो इमरजेंसी में बहुत काम आएगा।
- सरकार के चुने यानी डेजिग्नेटेड अस्पतालों में पूरा इलाज किया जाएगा, लेकिन बाकी जगहों पर बेसिक इलाज ही मिलेगा।
- इस स्कीम में सिर्फ मोटर वाहन से होने वाले हादसों पर लागू है। अगर हादसा किसी और वजह से हुआ, तो इसका लाभ नहीं मिलेगा।
- 7 दिन से ज्यादा इलाज करवाने पर आपको उसके लिए पैसे खर्च करना पड़ेगा।