केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज रविवार को लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में देश की पहली अत्याधुनिक ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल उत्पादन यूनिट का वर्चुअली उद्घाटन किया, इस कार्यक्रम मे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल रहे।
आपको बता दें ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण यूनिट के शामिल होने के बाद भारतीय सैन्य हथियारों की ताकत और भी बढने वाली है वैसे भी आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर को लॉन्च किया। इस मिशन के तहत भारतीय सेना मेआतंकियों के 9 ठिकानों पर को तबाह कर दिया। इस मिशन में देश ही नही दुनिया ने भी भारत के सैन्य हथियारों की अपार ताकत देखी है। अब इस ताकत में ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण यूनिट इजाफा हो चुका है। जो दुश्मनों को लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है दरअसल अब यूपी में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस निर्माण यूनिट करीब 300 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह हर साल करीब 80 से 100 ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्माण करेगी।
ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का वर्चुअली इनॉगरेशन के इस दौरान राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी दी, कहा- भारतीय सेना ने पराक्रम दिखा दिया है। आतंकवाद के लिए सरहद पार की जमीन भी सुरक्षित नहीं रहेगी। हमने केवल पडोसी मुल्क सीमा से सटे सैन्य ठिकानों पर ही कार्रवाई नहीं की, बल्कि भारत की सेनाओं की धमक रावलपिंडी तक सुनी गई, जहां पाकिस्तानी फौज का हेडक्वार्टर मौजूद है। रक्षा मंत्री ने कहा- हमने कभी उनके आम नागरिकों को निशाना नहीं बनाया, लेकिन जब पाकिस्तान ने भारत के नागरिक इलाकों, मंदिरों, गुरुद्वारों और चर्चों पर हमले का प्रयास किया। तब भारतीय सेना ने शौर्य और संयम के साथ उत्तर दिया। पाकिस्तान के अनेक सैन्य ठिकानों पर प्रहार करके करारा जवाब दिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा आज का दिन उस शक्ति की आराधना का दिन है, जो हमारी सेनाओं को संबल प्रदान करती है, जो हमारी सेनाओं में निहित होकर दुश्मन पर कहर बनकर बरसती है। आज का दिन, मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से काफी महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि मैंने अपने शहर लखनऊ के लिए एक सपना देखा था, कि मेरा शहर, भारत के सेनाओं रक्षा क्षेत्र को मज़बूत करने में, एक अहम बड़ा योगदान दे, वह सपना अब पूरा हो रहा है। ब्रह्मोस एकीकरण और परीक्षण सुविधा का उद्घाटन, इसलिए भी महत्त्व रखता है, क्योंकि आज का दिन बड़ा ख़ास है। आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस है। आज ही के दिन, सन् 1998 में श्रद्धेय अटल विहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में हमारे वैज्ञानिक ने पोखरण में परमाणु परीक्षण करके पूरी दुनिया को भारत की ताकत दिखाई थी। वह परीक्षण, हमारे वैज्ञानिक, इंजीनियर्स, रक्षा कार्मिक और कई अन्य हितधारकों के अथक प्रयासों का परिणाम था…
300 करोड़ रुपये की लागत से बनी ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज 290 से 400 किलोमीटर तक है और इसकी गति मैक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) है. यह मिसाइल ज़मीन, समुद्र और हवा से दागी जा सकती है और ‘फायर एंड फॉरगेट’ तकनीक पर आधारित है.