- महाकुंभ की महा-रसोई
- 24 घंटे मिलता है मुफ्त भोजन
- एक बीघा जमीन मे बना है किचन
- भक्तों को रोजाना मिलता है भर पेट खाना
प्रयागराज के धरती पर महाकुंभ का विशाल मेला चल रहा है लाखों भक्त रोजाना संगम मे डुबकी लगाने आ रहे है रिपोर्टे के मुताबिक अभी तक लगभग 13.50 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके है। भक्तो की तादाद लगातार बढती ही जा रही है। केवल देश ही नही विदेशो से भी लोग इस कुंभ मे शामिल होना चाहते है लोगो मे उत्साह देखने को मिल रहा है।
कुंभ के पहुंच रहे भक्तों के लिए प्रसाशन की तरफ से कई इंतजाम किए गए है ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई भी हानि न हो पाए। यहां आने वाला कई भी श्रद्धालु भूखे ना रहे और खाली पेट वापस न जाएं, इसे लेकर तमाम साधु, संत, महात्मा और संस्था के जरिये अन्न क्षेत्र और भंडारे आयोजित किए जा रहे हैं।
आपको बता दें इनमें सबसे बड़ा भंडारा ‘ओम नमः शिवाय’ संस्था द्वारा आयोजित किया जा रहा है. इस समिति द्वारा 24 घंटे फ्री भक्तों को भोजन की सेवा दी जा रही है, जो महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो रही है। समिति के इस भंडारे की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां पर हर दिन 2 से 3 लाख लोगों को भोजन कराया जाता है।
ओम नमः शिवाय’ संस्था महाकुंभ की सबसे बड़ी रसोई है
प्रयागराज महाकुंभ की सबसे बड़ी रसोई है। यहां भक्तों को रोजाना भर पेट खाना मिलता है दूर दूर से आ रहे लोग यहा ठहरकर भोजन ग्रहण करते है। वो भी बिलकुल फ्री मे। ओम नमः शिवाय’ संस्था द्वारा आयोजित यहा की रसोई करीब एक बीघे में फैसी है। यहां के रसोई और उसमें इस्तेमाल होने वाले बर्तनों को देखकर भी लोग हैरान भी हो जाते हैं. कड़ाह ऐसे कि एक बार में डेढ़-दो क्विंटल चावल तैयार हो जाए। रसोई मे करीब 1 से 2 हजार लोग सेवादार है।
ओम नमः शिवाय संस्था के प्रमुख गुरुदेव का कहना है कि इतने बड़े भंडारे को किसी एक की नही लोगों के सहयोग से चलाया जाता है. संस्था से जुड़े लोग खुद भी अपनी सेवा भाव और लगाव से काम करते हैं. खास बात यह है कि तमाम जगहों पर चलने वाले भंडारों में लोगों को जमीन पर बैठाकर खाना खिलाते है. यहा रोजाना 2 से 3 लाख भक्त आते है और यहां सभी भक्तों को संस्था की ओर से सम्मान के साथ दरी पर बैठाकर चौकी पर खिलाया जाता है.