भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है, पाकिस्तान एक तरफ तो भारत पर लगातार हमले कर रहा है, वहीं दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के सामने भीख मांगने के लिए कटोरा लेकर खड़ा हो गया है। हालांकि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने शुक्रवार (9 मई) को क्लाइमेट रेजिलिएंस लोन प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान को करीब 1 बिलियन डॉलर यानि की लगभग 12 हजार करोड़ का नया लोन दे दिया है। बता दें यह लोन 2 साल की अवधि के लिए दिया गया है. भारत के प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो ने तो इसे लेकर पाकिस्तानी सरकार का जमकर मजाक भी उड़ाया।
IMF ने एक बयान में कहा कि इसके एग्जिक्यूटिव बोर्ड ने पाकिस्तान के इकोनॉमिक रिफॉर्म प्रोग्राम की विस्तारित कोष सुविधा (EFF) व्यवस्था के तहत प्रारंभिक समीक्षा पूरी की है. आपको बता दें यह लोन 2 साल की अवधि के लिए दिया गया है. आईएमएफ (IMF) की ओर से यह मंजूरी ऐसे समय आई है, जब भारत ने पाकिस्तान को दिए गए कर्ज की समीक्षा करने का अनुरोध किया था।
आईएमएफ ने अप्रैल 2025 की रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान में कुछ स्थिति मे सुधार देखने को मिला है. जहां एक ओर महंगाई अनुमान से कहीं ज़्यादा रफ्तार से कम होती दिखी. वहीं दूसरी ओर पूंजीगत वस्तुओं के इंपोर्ट और कंज्यूमर कांफिडेंस में काफी सुधार देखने को मिला है. लेकिन आर्थिक गतिविधि पूर्वानुमान से कमज़ोर बनी हुई है, और ओवरऑल ग्रोथ (Overall Growth) की गति कमजोर है. वित्त वर्ष 2022-23 में पाकिस्तान की ग्रोथ -0.2 फीसदी देखने को मिली थी. जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में 2.5 फीसदी, वित्त वर्ष 2024-25 में 2.7 फीसदी और वित्त वर्ष 2025-26 में आईएमएफ ने 3.1 फीसदी एवं वर्ल्ड बैंक ने 3.2 फीसदी की ग्रोथ का अनुमान लगाया है.
पाकिस्तान के आर्थिक विभाग ने एक्स पर लिखा,”पाकिस्तान सरकार ने दुश्मन द्वारा भारी नुकसान के बाद अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों से अधिक ऋण की अपील की है। बढ़ते युद्ध से नुकसान और शेयरों में भारी गिरावट के बीच, हम अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों से तनाव कम करने में मदद करने का आग्रह करते हैं। पाकिस्तान की सरकार ने शुक्रवार को कहा कि आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान के साथ अपने 7 बिलियन डॉलर के कार्यक्रम की पहली समीक्षा को मंजूरी दे दी है, जिससे 1 बिलियन डॉलर की नकदी मुक्त हो गई है. पाकिस्तानी पीएमओ के बयान में कहा गया, शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान के लिए आईएमएफ द्वारा 1 बिलियन डॉलर की किस्त की मंजूरी पर संतोष व्यक्त किया है.
भारत ने किया विरोध
भारत ने IMF से पाकिस्तान के खराब ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए और सीमा पार आतंकवाद को इस मदद से बढ़ावा देने के लिए लोन के दुरुपयोग की संभावना जताई थी. भारत ने शुक्रवार को हुई आईएमएफ (IMF) की बैठक में पाकिस्तान को कबीर 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के नए लोन देने के प्रस्ताव का विरोध किया था। भारत के बाद विरोध पर इसकी समीक्षा की गई और पाकिस्तान को लगभग 1 बिलियन अमरीकी डॉलर देने पर विचार किया गया. पाकिस्तान इस धन का गलत इस्तेमाल करते हुए इसकी मदद से आतंकवादी संगठनों के भारत के खिलाफ हमलों को अंजाम देने में करता है. भारत ने इसके साथ ही इसको लेकर हुई IMF की महत्वपूर्ण बैठक में मतदान से भी परहेज किया. भारत लोन मंजूरी पर वोटिंग में शामिल नहीं हुआ है।