फ्लाइट में यात्रा करना हर किसी का सपना होता है, लेकिन इसके लिए कड़े नियमों का पालन भी करना होता है चाहे आप लंबी उड़ान भरने जा रहे हों या किसी नजदीकी शहर का रुख कर रहे हों, हाल ही में भारत पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण कई दिनों तक कई एयरपोर्ट बंद कर दिए गए थे और कई फ्लाइट भी रद्द कर दी गई थी हालांकि अब स्थिति ठीक है। लेकिन डिफेंस एरिया की सुरक्षा को देखते हुए सरकार ने फ्लाइट के टेक ऑफ और लैंडिंग के वक्त के लिए कुछ नियम बनाए है जिन्हे जानना आवश्यक है।
भारत सरकार ने फ्लाइट के टेक ऑफ और लैंडिंग के वक्त खिड़कियां बंद रखने का आदेश दिया है। यह आदेश डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) की तरफ से जारी किया गया है। DGCA के निर्देश के मुताबिक रक्षा हवाई क्षेत्रों में आने और जाने वाली फ्लाइट्स के लिए यात्री सीटों के लिए खिड़की के पर्दे आपातकालीन निकास खिड़कियों को छोड़कर तब तक बंद रहेंगे जब तक विमान टेक ऑफ के दौरान 10,000 फीट की ऊंचाई तक नहीं पहुंच जाता या उसके नीचे नहीं उतर जाता।
लैंडिंग के समय विमान जब तक सिविल टर्मिनल पर पार्किंग बे तक न पहुंच जाए, खिड़की के पर्दे या शेड बंद रहेंगे। यह आदेश रक्षा मंत्रालय की सिफारिश पर जारी किया गया है। डीजीसीए (DGCA) ने कहा है कि नियमों का उल्लंघन करने पर यात्रियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नही अब इस डिफेंस एयरफील्ड्स के टेक ऑफ और लैंडिंग के वक्त कोई भी यात्री फोटो और वीडियो नही बना सकेगा।
DGCA ने एयरलाइंस को निर्देश दिया है कि वे इसके लिए क्रू मेंबर्स के लिए एक SOP तैयार करें, ताकि क्रू बॉर्डर के पास मौजूद एयरपोर्ट्स पर फ्लाइट के उड़ान भरने से पहले या लैंडिंग के दौरान पैसेंजर्स को इसकी सूचना दे सकें। आदेश में कहा गया है कि नियमों का उल्लंघन करने पर यात्रियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश बीते 20 मई को जारी किया गया है। आपको बता दें, देश में कई रक्षा हवाई क्षेत्र कॉमर्शियल एयरपोर्ट के रूप में भी काम करते हैं और उन्हें नागरिक परिक्षेत्र के रूप में जाना जाता है। ऐसे एयरपोर्ट में लेह, श्रीनगर, चंडीगढ़, पुणे, जामनगर, बागडोगरा आदि के नाम शामिल हैं। यरलाइंस को निर्देश दिया गया है कि वे अपने चालक दल के लिए सुरक्षा जोखिमों को दूर करने के लिए मानक संचालन प्रोटोकॉल तैयार करें।