[Edited By: Admin]
Saturday, 22nd June , 2019 06:40 pmओमान की खाड़ी में अमेरिका के टैंकरों पर हमले के बाद से ईरान-अमेरिका के बीच तनातनी जारी है। ईरान और अमेरिका के बीच इनदिनों सैन्य टकराव के हालात नजर आ रहे हैं। जिसको देखते हुए भारतीय नौसेना फारस की खाड़ी से आने-जाने वाले भारतीय टैंकरों पर अपने अधिकारियों को तैनात करने जा रही है। भारत का ये फैसला खाड़ी में उपजे ईरान-अमेरिका तनाव के बाद सामने आया है।
हर दिन 5 से लेकर 8 भारत के तेल टैंकर फारस की खाड़ी से गुजरते हैं। इनमें कच्चा तेल लाने वाले बड़े-बड़े टैंकर हर रोज फारस की खाड़ी से निकलते हैं, जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा की जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। याद रहे भारत का 63% से भी अधिक कच्चा तेल खाड़ी के रास्ते आता है। इराक़, सऊदी अरब, ईरान, यूएई और कुवैत वो अहम देश हैं जिनसे भारत का कारोबार है।
ईरान-अमेरिका तनाव बरकरार
दो दिन पहले गुरुवार को ईरान ने अमेरिका के एक ड्रोन को हवाई हमले में मार गिराया था। ईरान ने दावा किया था कि अमेरिकी ड्रोन उनकी हवाई सीमा में घुस आया था। हालांकि अमेरिका ने कहा था कि वह अपना ड्रोन अंतराष्ट्रीय वायुक्षेत्र में उड़ान भर रहा था। अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन को हर्मुज जलसंधि के पास मार गिराया गया था। जिससे नाराज़ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उसी दिन ट्वीट कर कहा था, 'ईरान ने गलती कर दी।'
ट्रंप अंतिम क्षणों में हमले से पीछे हटे
अमेरिका के एक सर्विलांस ड्रोन को मार गिराए जाने से खफा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमले का आदेश दे दिया था, लेकिन अंतिम क्षणों में वह इससे पीछे हट गए। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा कि मुझे कोई जल्दबाजी नहीं है। मैंने हमले को दस मिनट पहले रोक दिया। हालांकि यह अभी साफ नहीं है कि हमले को लेकर ट्रंप ने अपना मन बदला या प्रशासन ने किसी रणनीति के तहत बदलाव किया। यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या हमला आगे हो सकता है या नहीं ?
तेल टैंकरों पर हमले से बढ़ी तनातनी
होर्मुज जलडमरूमध्य (स्ट्रेट) के पास ओमान की खाड़ी में गत 13 जून को दो तेल टैंकरों को निशाना बनाया गया था। इस के लिए अमेरिका ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया था। जबकि ईरान ने अपना हाथ होने से इन्कार किया था। इसी क्षेत्र में गत 12 मई को भी चार तेल टैंकरों को निशाना बनाया गया था। तब सऊदी अरब ने हमले में ईरान का हाथ बताया था।
अमेरिका-ईरान के बीच बढ़ी तनातनी, भारत ने ईरानी हवाई क्षेत्र से उड़ानें रोकीं
अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच, भारत के विमानन नियामक डीजीसीए ने ट्विटर पर कहा कि डीजीसीए के परामर्श से सभी भारतीय एयरलाइन संचालकों ने यात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए ईरानी हवाई क्षेत्र के प्रभावित हिस्से से बचने का फैसला किया है। अमेरिकी विमानन नियामक, संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) ने शुक्रवार को एयरमैन को एक नोटिस (नोटम) जारी किया, जिसमें अग्रिम सूचना मिलने तक अमेरिका में पंजीकृत विमानों के ईरान के हवाई क्षेत्र से होकर जाने पर रोक लगा दी गई। अश्विनी लोहानी ने कहा कि एअर इंडिया की उड़ानों पर कोई खासा असर नहीं होगा, आने वाले विमानों के लिये मार्ग पुन:निर्धारण को लेकर काम किया जा रहा है।
दरअसल, ईरान ने शनिवार को अमेरिका को चेतावनी दी कि इस्लामी गणतंत्र के खिलाफ किसी भी कार्रवाई से क्षेत्र में अमेरिकी हितों को बड़ा नुकसान पहुंचेगा और उसे इसके लिए गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। दक्षिण-पश्चिम एशिया में सशस्त्र बल के जनरल स्टाफ के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल अबुलफज़ल शेकरची ने तसनीम समाचार एजेंसी से कहा, ''ईरान की ओर एक भी गोली चली तो अमेरिका और उसके सहयोगियों के हितों में आग लग जाएगी।