[Edited By: Punit tiwari]
Saturday, 23rd January , 2021 03:15 pmगुवाहाटी-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को शिवसागर जिले स्थित जेरेंगा पठार में रहने वाले भूमिहीन मूल निवासियों के लिए 1.6 लाख भूमि पट्टा वितरण अभियान की शुरुआत की। उन्होंने 10 लाभार्थियों को आवंटन प्रमाण पत्र भेंटकर इस अभियान की शुरुआत की। उन्होंने भारत माता की जय के नारे के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि 'असम के लोगों का प्रेम और स्नेह मुझे बार-बार असम ले आता है। असम की आत्मीयता मेरा सौभाग्य है। आज असम की हमारी सरकार ने आपके जीवन के बहुत बड़ी चिंता दूर करने का काम किया है। पीएम मोदी ने कहा कि एक लाख से ज्यादा मूलनिवासी परिवारों को भूमि के स्वामित्व का अधिकार मिलने से आपके जीवन की एक बहुत बड़ी चिंता अब दूर हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के दिन स्वाभिमान, स्वाधीनता और सुरक्षा के तीन प्रतीकों का समागम हो रहा है।
इस मौके पर पीएम ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने भूमिहीनों को जमीन देने में कोई रुचि नहीं दिखाई थी। लेकिन इस सरकार में सवा दो लाख परिवार को जमीन के पट्टे दिए गए और अब एक लाख परिवार इसमें और जुड़ गए हैं। प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने कहा कि अब इन परिवारों को भी किसान सम्मान निधि का लाभ मिलेगा और उनके खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर होंगे। ये परिवार इस जमीन के एवज में बैंकों से लोन ले सकेंगे।
उन्होंने कहा कि आज पराक्रम दिवस पर पूरे देश मे अनेक कार्यक्रम भी शुरू हो रहे हैं। इसलिए एक तरह से आज का दिन उम्मीदों के पूरा होने के साथ ही, हमारे राष्ट्रीय संकल्पो की सिद्धि के लिए प्रेरणा लेने का भी अवसर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2019 में, सरकार द्वारा बनाई गई नई भूमि नीति अपने सही मालिकों को भूमि देने के प्रति समर्पित है. पिछले कुछ वर्षों में, 2.25 लाख से अधिक मूल परिवारों को जमीन का पट्टा दिया गया है। असम की लगभग 70 जनजातियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गई है। हम उन्हें तेजी से विकास की ओर भी ले जा रहे हैं। साल 2014 से अटल जी की सरकार से लेकर असम की संस्कृति और सुरक्षा को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता रही है।
पीएम ने कहा असम और पूर्वोत्तर भारत का तेजी से विकास, आत्मान निर्भार भारत का अभिन्न अंग है। असम के लोगों के विश्वास के माध्यम से आटमा निर्भय असम की सड़क है। उन्होंने कहा कि आज असम की लगभग 40% आबादी आयुष्मान भारत से लाभान्वित हुई है। 1.5 लाख लोगों को पहले ही मुफ्त इलाज मिल चुका है. 35 लाख महिलाओं के पास उज्ज्वला गैस कनेक्शन है, जिसमें 4 लाख परिवार SC / ST समूहों से संबंधित हैं।