[Edited By: Rajendra]
Friday, 29th July , 2022 12:30 pmशिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार ममता सरकार में कैबिनेट मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी ने ईडी के सामने बड़ी बात कबूल की है. अर्पिता ने कबूल किया है कि उनके घर से जो 21 करोड़ की नकदी बरामद हुई है, वह पार्थ चटर्जी की है. ईडी की पूछताछ में अर्पिता ने बताया कि एक-दो दिन में इन पैसों को ठिकाने पर लगाना था, लेकिन उससे पहले ही छापेमारी ने योजना को विफल कर दिया. ईडी ने बताया कि ये पैसे उन्हीं फर्जी 12 कंपनियों में लगने थे, जिनके कागजात छापेमारी के दौरान अर्पिता के घर से मिले हैं.
पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में लिप्त पार्थ चटर्जी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें कैबिनेट से बाहर कर दिया है.
वहीं ईडी ने बताया कि अर्पिता मुखर्जी की घर की तलाशी लेने के दौरान संयुक्त संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी मिले थे. इस संयुक्त संपत्ति के मालिक मंत्री पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी हैं. 2012 में इस संपत्ति को पार्थ चटर्जी ने खरीदा था. ईडी के अधिकारियों ने बताया कि शिक्षक भर्ती घोटाले की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी 12 फर्जी कंपनियां चला रही थीं. इन कंपनियों से जुड़े डॉक्युमेंट्स शनिवार शाम 23 जुलाई को अर्पिता मुखर्जी के जोका स्थित घर में छापेमारी के दौरान बरामद किए गए. ईडी अधिकारियों को शक है कि ओडिशा और तमिलनाडु के अलग-अलग प्रोडक्शन हाउस में काम करने वाले जाने माने लोग भी इसमें शामिल हो सकते हैं.
ईडी के अधिकारियों ने बताया है कि हमें घर से जो डॉक्युमेंट्स मिले हैं, उससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह इन फर्जी कंपनियों के जरिए पैसे का हेरफेर करती थीं. हमारे पास 12 ऐसी कंपनियों के डॉक्युमेंट्स हैं. ईडी के अधिकारियों ने कहा कि, हमें ओडिशा और तमिलनाडु के कुछ लोगों की इसमें मिलीभगत भी मिली है. इन्हीं लोगों के जरिये पैसे का लेन-देन किया गया है. हमें इन लोगों पर नजर बनाए हुए हैं. इनको भी जल्द ही जांच के दायरे में लाया जाएगा.
ममता बनर्जी ने कहा एक लड़की के पास से पैसा बरामद हुआ है और वह इसे लगातार दिखा रहा है. मैंने उन्हें (पार्थ को) कैबिनेट से बाहर कर दिया है, क्योंकि मेरी पार्टी बहुत सख्त पार्टी है. अगर किसी को लगता है कि यह दिखाकर वे धारणा बदल सकते हैं तो वे गलत हैं. नाटक बहुत बड़ा है. अभी नहीं बताऊंगा. बता दें कि पार्थ चटर्जी इस समय प्रवर्तन निदेशालय की कस्टडी में हैं और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से करोड़ों रुपये निकलने का सिलसिला जारी है.
आपको बता दें इस घोटाले में पार्थ चटर्जी का नाम और उनकी गिरफ्तारी से लेकर अब तक ममता बनर्जी ने इस मामले में चुप्पी साध रखी थी. टीएमसी का कोई भी बड़ा नेता अभी तक इस मामले में खुलकर बोलने से बचता रहा है. अब जब इस मामले में ईडी रोजाना कोई ना कोई खुलासा कर रही है, तब जाकर सीएम ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी पर कार्रवाई करते हुए उन्हें कैबिनेट से बाहर कर दिया है. ममता बनर्जी ने इशारों-इशारों में इसे बीजेपी की साजिश करार दिया.
पार्थ की गिरफ्तारी के बाद भी ममता बनर्जी का बयान आया था. उन्होंने तब कहा था कि अगर मेरे लोग दोषी पाए गए तो मैं खुद उन्हें कानून के हवाले करूंगी, चाहे वो एमपी हों या एमएलए. यहां तक की मंत्री ही क्यों न हों. लेकिन कोई जानबूझकर मेरी छवि नहीं खराब कर सकता.