दुनिया भर में इस साल 12 मई को मदर्स डे मनाया जाएगा। यूं तो हर दिन मां के नाम ही होता है, लेकिन आज के व्यस्त लाइफस्टाइल में अपनी मां को ज्यादा समय नहीं दे पाते हैं। अपनी हर तकलीफें एक ओर करके बच्चों की हर खुशी का ध्यान रखने वाली मां के साथ ये खास दिन बिताएं। ऐसे में मदर्स डे लोगों को अपनी भावनाओं को जाहिर करने का मौका जरूर दे देता है। आइये जानते कैसे हुई इस दिन की शुरुआत।
मदर्स डे को लेकर कई मान्यताएं हैं। कुछ का मानना है कि मदर्स डे के इस खास दिन की शुरुआत अमेरिका से हुई थी। वर्जिनिया में एना जार्विस नाम की महिला ने मदर्स डे की शुरुआत की। कहा जाता है कि एना अपनी मां से बहुत प्यार करती थीं और उनसे बहुत प्रेरित थीं। एना की मां का निधन हो जाने के बाद उन्होंने उनके प्रति सम्मान दिखाने के लिए इस खास दिन की शुरुआत की। ईसाई समुदाय के लोग इस दिन को वर्जिन मेरी का दिन मानते हैं। इससे जुड़ी एक और कहानी है जिसके अनुसार, मदर्स डे की शुरुआत ग्रीस से हुई थी। मान्यताओं के अनुसार, स्यबेसे ग्रीक देवताओं की माता थीं और मदर्स डे पर लोग उनकी पूजा करते थे।
9 मई 1914 को अमेरिकी प्रेसिडेंट वुड्रो विल्सन ने एक कानून पारित किया था। इस कानून में लिखा था कि मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाएगा। इसी के बाद से भारत समेत कई देशों में ये खास दिन मई के दूसरे रविवार को मनाया जाने लगा। तो इस मदर्स डे के खास मौके पर अपनी मां के साथ समय बिताएं, वो सब करें जो व्यस्त होने के कारण आप नहीं कर पाते और अपनी मां को खास तोहफे देकर जरूर खुश करें।