[Edited By: Admin]
Saturday, 29th June , 2019 06:14 pmकट मनी का खेल आखिर पश्चिम बंगाल में खत्म हो गया है। कुछ दिन पहले ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के नेताओं और जनप्रतिनिधियों से कट मनी नहीं लेने को कहा है। जिसके बाद आम लोगों को कट मनी की रकम लौटाई जा रही है। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर उंगुली उठाई थी।
सत्ताधारी नेताओं द्वारा स्थानीय क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए स्वीकृत धनराशि से लिया जाने वाला अनौपचारिक कमीशन कट मनी है। उदाहरण के लिए, यदि सरकार किसी विशेष परियोजना के वित्तपोषण के लिए 100 रुपये जारी करती है, तो स्थानीय नेता, जो कई बार चुने गए प्रतिनिधि भी होते हैं, अनुदान प्राप्त करने के लिए कमीशन के रूप में 25 रुपये वसूल करते हैं। इस कमीशन को निचले स्तर के नेता से लेकर वरिष्ठतम नेता तक सभी के बीच साझा किया जाता है।
बिल्कुल नहीं। कट मनी को आमतौर पर नकदी में लिया जाता है, ताकि आयकर विभाग की नजरों से बचा जा सके। चूंकि बड़ी- बड़ी परियोजनाएं की लागत बहुत ज्यादा होती है, इसलिए इनकी ‘कट मनी’ भी करोड़ों में बनती है। हाल ही में टीएमसी के बूथ अध्यक्ष त्रिलोचन मुखर्जी ने 2.25 लाख रुपये से अधिक की धनराशि लौटा दी, जो कि 141 मजदूरों से उनकी आठ दिन की मजदूरी से ली गई थी। इसके अलावा, ऐसा नहीं है कि यह बीमारी केवल टीएमसी या पश्चिम बंगाल तक सीमित है। पिछले साल एक ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल रिपोर्ट से पता चला था कि भारत में रिश्वत एक साल में 11 फीसद बढ़ी है। इसमें पंजाब, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सरकारी अधिकारी सबसे भ्रष्ट निकलकर सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले हफ्ते पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में कट मनी वापस करने या जेल जाने के लिए तैयार होने की चेतावनी दी। इस चेतावनी ने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के बीच बहुत अधिक नाराजगी पैदा की है, जो महसूस करते हैं कि सिर्फ उनपर ही कट मनी लौटाने का दबाव बनाया जा रहा है, जबकि वरिष्ठ नेताओं को इससे दूर रखा गया है। टीएमसी के सांसद शताब्दी रॉय ने ममता बनर्जी के निर्देश की आलोचना करते हुए कहा कि एक व्यक्ति जिसने सीधे कट मनी लिया है, वह केवल सामने वाला व्यक्ति है। उसके पीछे दूसरे लोग भी हैं। उन्होंने भी अपना हिस्सा लिया है, इसलिए पूरी शृंखला के अनुसार पैसा वापस करना होगा।
कट मनी का खेल राज्य में वाम दल के शासन के समय से चला आ रहा है। विधानसभा में कई बार इस मुद्दे पर विपक्ष (कांग्रेस, वाम दल और भाजपा) ममता बनर्जी सरकार को घेर चुका है। पूरे पश्चिम बंगाल में कट मनी को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से रिफंड प्राप्त करने के लिए कट मनी लेने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने को कहा है।