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40 साल की उम्र में मिली पहली फिल्म, आवाज पर रोज 3 घंटे का अभ्यास करते थे अमरीश पुरी

[Edited By: Admin]

Saturday, 22nd June , 2019 12:18 pm

बॉलीवुड का एक ऐसा विलेन जिसके सामने हीरो भी फीका पड़ जाता था। जिसकी आवाज इतनी जानदार थी कि पूरी फिल्म में उसी के डायलॉग गूंजते थे। हम बात कर रहे हैं मशहूर अभिनेता अमरीश पुरी की।हिन्दी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता अमरीश पुरी की आज जयंती है। गूगल ने डूडल बनाकर उनको याद किया है। 12 जनवरी 2005 को अमरीशपुरी ने दुनिया को अलविदा कह दिया। लेकिन अपने पीछे वो ऐसे रोल छोड़ गए जिसे आज तक लोग नहीं भुला पाए हैं।  जानिए उनके निजी  जीवन और फिल्मी करियर से जुड़े दिलचस्प किस्सों के बारे में....

पंजाब के नौशेरां गांव में 22 जून 1932 में जन्मे अमरीश पुरी ने अपने करियर की शुरुआत श्रम मंत्रालय में नौकरी से की और उसके साथ साथ सत्यदेव दुबे के नाटकों में अपने अभिनय का जौहर दिखाया। इसके बाद पृथ्वी थियेटर में बतौर कलाकार अपनी पहचान बनाने में सफल हुए।

गमंच से फिल्मों के रूपहले पर्दे तक पहुंचे अमरीश पुरी ने पचास के दशक में हिमाचल प्रदेश के शिमला से बीए पास करने के बाद मुंबई का रुख किया। 40 साल की उम्र में 1971 मे बतौर खलनायक अपने फिल्मी जीवन की शुरुआत की थी। अमरीश पुरी ने खलनायकी को अपने करियर का आधार बनाया। इन फिल्मों में 'निंशात', 'मंथन', 'भूमिका', 'कलयुग' और 'मंडी' जैसी सुपरहिट फिल्में भी शामिल है।

अमरीश नें सबसे पहले अपना मनपसंद और न कभी नहीं भुलाया जा सकने वाला किरदार गोविन्द निहलानी की 1983 मे प्रदर्शित 'अर्द्धसत्य' में निभाया। इस फिल्म मे उनके सामने कला फिल्मों के अजेय योद्धा ओमपुरी थे। हरमेश मल्होत्रा की 1986 मे प्रर्दशित सुपरहिट फिल्म 'नगीना' में उन्होंने एक सपेरे की भूमिका निभाया जो लोगो को बहुत भाया। इच्छाधारी नाग को केन्द्र में रख कर बनी इस फिल्म में श्रीदेवी और उनका टकराव देखने लायक था। 1987 में शेखर कपूर बच्चों पर केन्द्रित फिल्म बनाना चाहते थे जो 'इनविजबल मैन' के उपर आधारित थी। इस फिल्म में खलनायक के रूप मे ऐसे कलाकार की मांग थी जो फिल्मी पर्दे पर बहुत ही बुरा लगे। इस किरदार के लिए अमरीश का चुनाव किया, फिल्म मे अमरीश ने 'मौगेम्बो'का किरदार निभाया जो इस फिल्म की पहचान बन गया। 

भारत मूल के कलाकार को विदेशी फिल्मों में काम करने की जगह नही मिल पाती है वही अमरीश पुरी ने स्टीफन स्पीलबर्ग की मशहूर फिल्म 'इंडिना जोंस एंड द टेंपल आफ डूम' में खलनायक के रूप में काली के भक्त का किरदार निभाया। इसके लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति भी प्राप्त हुई। इस फिल्म के बाद उन्हें हॉलीवुड से कई ऑफर मिले जिन्हे उन्होनें स्वीकार नहीं किया क्योंकि उनका मानना था कि हॉलीवुड में भारतीय मूल के कलाकारों को नीचा दिखाया जाता है।

1995 में आई 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में काजोल के पिता रौबदार पिता किरदार निभाने के लिए अमरिश को आज भी याद किया जाता है।

लगभग चार दशक तक अपने दमदार अभिनय से दर्शको के दिल में अपनी खास पहचान बनाने वाले अमरीश पुरी 12 जनवरी 2005 को इस दुनिया से अलविदा कह गए।

मिस्टर इंडिया :
1987 में रिलीज हुई फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ में एक विलेन का किरदार निभाया था जिसमें उनका नाम ‘मोगैंबो’ था। अमरीश का ये किरदार आज भी लोगों के जहन में ताजा है। इस फिल्म में उनका एक डायलॉग था ‘मोगैंबो’खुश हुआ। ये डायलॉग इतना फेमस है कि लोग आज भी इसे दोहराते हैं।

नगीना :
‘नगीना’ में अमरीश ने एक सपेरे तांत्रिक का रोल निभाया था। अमरीश इस फिल्म में भी विलेन बने थे। 1986 में रिलीज हुई इस फिल्म में श्रीदेवी और ऋषि कपूर लीड रोल में थे। इस फिल्म में अमरीश पुरी का एक डायलॉग था ‘अलक निरंजन बोलत’, ये डायलॉग काफी फेमस हुआ था।

करण-अर्जुन :
शाहरुख खान और सलमान खान की फिल्म 'करण-अर्जुन' में अमरीश ने जिस तरह एक विलेन का रोल निभाया था वो शाहरुख और सलमान पर भारी पड़ गए थे। उसमें वो ठाकुर दुर्जन सिंह बने थे जो पैसों के लिए अपने भाई का ही खून कर देता है। अमरीश का ये रोल भी काफी दमदार था।

लोहा :
जब भी अमरीश के नेगेटवि रोल को याद किया जाएगा तो उनकी फिल्म लोहा को जरूर याद किया जाएगा। साल 1987 में आई 'लोहा' फिल्म का किरदार अमरीश पुरी के फिल्मी करियर का सबसे खतरनाक किरदार माना जाता है। इसमें अमरीश पुरी की न केवल एक्टिंग बल्कि उनके लुक ने भी लोगों को डरा दिया था।

कोयला :
राकेश रोशन ने निर्दशन में बनी फिल्म ‘कोयला’ 7 अप्रैल 1997 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में अमरीश पुरी ने जो नेगेटिव रोल निभाया था वो सालों तक लोगों को याद रहा था। फिल्म में अमरीश पुरी ने राजा साहब का किरदार किया था।

नायक :
7 सितंबर 2001 को रिलीज हुई अनिल कपूर की फिल्म ‘नायक’ को कौन भूल सकता है। इस फिल्म में अमरीश ने मुख्यमंत्री का रोल निभाया था। जो अपनी कुर्सी बचाने के लिए शहर में दंगा बढ़ने देता है। अमरीश का ये रोल काफी फेमस हुआ था।

गदर :
अमीषा पटेल और सनी देओल की फिल्म 'गदर: एक प्रेम कथा' में अमरीश पुरी ने खूसट बाप का किरदार निभाया था। इस फिल्म में अमरीश पुरी एक कट्टर पाकिस्तानी नेता के रोल में नजर आए थे। जो हिंदुस्तान की धरती पर पांव रखने के लिए भी राजी नहीं था।

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