रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ आज अहले सुबह जंग का ऐलान कर दिया. हालांकि, बिगड़ते माहौल में जंग की आशंका से पहले ही थी. जंग के अनुमान से पहले से ही शेयर बाजार के इन्वेस्टर्स सहमे हुए हैं और गुरुवार को सुबह तगड़े झटके के साथ खुलते ही शेयर मार्केट बिखर गया. आज यानी गुरुवार को सेंसेक्स ने 13 सौ अंक से ज्यादा की भारी-भरकम गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की.
यूक्रेन और रूस (Ukraine Russia) की टेंशन ने आज फिर भारतीय शेयर बाजार (Share Market) में कोहराम मचा दिया. यूक्रेन-रूस के कारण पैदा हुए संकट (Ukraine Russia Crisis) ने ग्लोबल मार्केट को नुकसान पहुंचाया है जिसका साफ असर भारतीय बाजार पर भी दिखाई दे रहा है. बाजार प्री-ओपन सेशन में ही बिकवाली की स्थिति दिख रही है. प्री-ओपन सेशन में भी बीएसई सेंसेक्स 1,800 अंक यानी 3.15 फीसदी से भी ज्यादा गिरा हुआ था. एनएसई निफ्टी भी 500 अंक से ज्यादा के नुकसान में ही था. और आज जैसे ही बाजार खुला, सेंसेक्स 13 सौ अंक से ज्यादा की गिरावट में रहा. सुबह बाजार खुलने के बाद सेंसेक्स 55,750 अंक के आस-पास कारोबार कर रहा था. वहीं निफ्टी भी 350 अंक से ज्यादा गिरकर 16,700 से भी नीचे आ चुका था.
इससे पहले बुधवार को घरेलू शेयर बाजार ने अच्छी शुरुआत तो की, लेकिन शाम होते होते सारी तेजी हवा हो गई थी. दिन का कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स और निफ्टी दोनों नुकसान में रहे थे. जब कारोबार समाप्त हुआ तब सेंसेक्स 68.62 अंक (0.12 फीसदी) गिरकर 57,232.06 अंक पर रहा था. एनएसई निफ्टी भी 28.95 अंक (0.17 फीसदी) के नुकसान के साथ 17,063.25 अंक पर रहा था. इस तरह लगातार छठे दिन बाजार गिरकर बंद हुआ था.
दरअसल, युद्ध की आशंका पहले ही थी जिसके चलते दुनिया भर के इन्वेस्टर्स सहमे हुए हैं और सुरक्षित निवेश में ही रुचि ले रहे हैं. इस कारण दुनिया भर के बाजारों में भारी बिकवाली देखी जा रही है. ग्लोबल मार्केट पर यूक्रेन संकट का प्रेशर बना हुआ है. इसी बीच आज पुतिन के ऐलान के साथ ही कयासों पर विराम लग गया. अब इस बात की आशंका है कि पूर्वी यूरोप का यह जंग कहीं तीसरे विश्व युद्ध का रूप न ले ले.
लगातार पांचवे दिन भी शेयर बाजार की स्थिति ठीक नहीं रही. जबकि इससे पहले पिछला सप्ताह भी घरेलू बाजार के लिए बुरा साबित हुआ था. बजट के चलते बाजार में आई तेजी पूरी तरह से गायब हो चुकी है. पिछले सप्ताह बाजार अमेरिका में ब्याज दर जल्दी बढ़ाये जाने की चिंता से परेशान था. यह तनाव घटा नहीं था कि यूक्रेन संकट ने बाजार की हालत और बिगाड़ दी. यूक्रेन संकट के चलते कच्चा तेल 7 साल के उच्च स्तर पर जा चुका है. आशंका है कि क्रूड ऑयल 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर सकता है. यदि ऐसा हुआ तो यह वैश्विक अर्थव्यवस्था की ग्रोथ पर भारी साबित होगा.