[Edited By: Rajendra]
Thursday, 7th May , 2020 07:55 pmभारतीय मौसम विभाग ने पूरे जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए मौसम की जानकार जारी की है। आइएमडी के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय मोहापात्रा ने गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद को भी मौसम बुलेटिन में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि ये भी भारत के हिस्से हैं इसलिए हमने मौसम बुलेटिन में शामिल किया है। मुजफ्फराबाद और गिलगित-बाल्टिस्तान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के अंतर्गत आते हैं।
पाक सुप्रीम कोर्ट ने दी यहां चुनाव कराने की अनुमति
आईएमडी का कदम न केवल एक अलग केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख की बदली हुई स्थिति को दर्शाता है बल्कि एक महत्वपूर्ण अंतर्निहित संदेश भी देता है। ऐसा तब हुआ है जब कुछ दिनों पहले ही पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने संघीय सरकार को गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने की अनुमति दी है।
30 अप्रैल को पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने सरकार के आवेदन पर सुनवाई करते हुए गिलगित-बाल्टिस्तान में कार्यवाहक सरकार बनाने और प्रांतीय विधानसभा चुनाव कराने की अनुमति दी थी।
भारत ने हाल ही एक बार फिर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि पीओके भारत का हिस्सा है। इसमें गिलगिट-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद शामिल है। इन शहरों के लिए मौसम पूर्वानुमान जारी करना तब शुरू किया गया है
दो नवंबर 2019 को केंद्र सरकार ने केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का नया नक्शा जारी किया था।
गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि लद्दाख में दो जिले लेह और करगिल होंगे जबकि बाकी जिले जम्मू-कश्मीर में ही रहेंगे। साल 1947 कौ दौरान जम्मू कश्मीर में कुल 14 जिले थे।
साल 2019 तक भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर के 14 जिलों का पुनर्गठन कर 28 जिलों का गठन किया। ये नए जिले हैं- कुपवाड़ा, बांदीपुर, गंदरबल, श्रीनगर, बडगाम, शोपियां, कुलगाम, राजौरी, रामबन, डोडा, किश्तवाड़, सांबा और कारगिल।
कारगिल जिले को लेह और लद्दाख जिले के क्षेत्र से बनाया गया था। राष्ट्रपति की ओर से जारी जम्मू कश्मीर पुनर्गठन 2019 से जुडे़ आदेश में गिलगित, गिलगित वजारत, चिल्हास और आदिवासी इलाकों को लेह व लद्धाख में शामिल किया गया। वहीं, अब से मौसम विभाग ने नई पहल कर भारत के दृष्टिकोण व संकल्प को और मजबूत किया है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगल 5 दिनों में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, मालदीव, श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांनाार, नेपाल और भूटान में मौसम काफी खराब रहने वाला है। मोहपात्रा ने बताया कि आइएमडी ने रीजनल मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट को मौसम के पूर्वानुमान की विस्तृत जानकारी दे दी है।