[Edited By: Punit tiwari]
Friday, 15th January , 2021 12:11 pmनई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे देखते हुए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। वहीं बसपा सुप्रीमो भी कोरोना टीकाकरण को लेकर राजनीति की लड़ाई में कूद गईं है।
अगर केंद्र और उत्तर प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार यहां के आम लोगों को ये(कोरोना टीकाकरण) सुविधा मुफ़्त में नहीं देती तो इस बार यहां BSP की सरकार बनने पर ये सुविधा मुफ़्त में दी जाएगी: मायावती #COVID19 https://t.co/Wr921iI2Ca
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 15, 2021
अपने जन्मदिवस के मौके पर मीडिया को संबोधित करते हुए मायावती ने कोरोना टीकाकरण अभियान को लेकर भी अपनी राय रखी। मायावती ने कहा कि, देश में कल से शुरू हो रहे कोरोना टीकाकरण अभियान का BSP स्वागत करती है। हमारी पार्टी का विशेष अनुरोध है कि केंद्र सरकार कोरोना वैक्सीन मुफ़्त में दे। अगर केंद्र सरकार हमारे इस अनुरोध को स्वीकार नहीं करती है तो सभी राज्य सरकारों को ये सुविधा मुफ़्त में देनी चाहिए। अगर केंद्र और उत्तर प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार यहां के आम लोगों को ये (कोरोना टीकाकरण) सुविधा मुफ़्त में नहीं देती तो इस बार यहां BSP की सरकार बनने पर ये सुविधा मुफ़्त में दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी अकेले अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी और अपनी सरकार बनाएगी: मायावती, बसपा सुप्रीमो pic.twitter.com/JLQ5gP712q
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इसी कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी-उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है। मीडिया को संबोधित करते हुए मायावती ने यूपी-उत्तराखंड में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। मायावती ने कहा है कि अगले विधानसभा चुनाव में बीएसपी किसी से अलायंस नहीं करेगी। मायावती का कहना है कि हमें गठबंधन से नुकसान होता है। मायावती ने मीडिया से कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी अकेले अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी और अपनी सरकार बनाएगी। किसान आंदोलन को लेकर मायावती ने कहा कि अपने जन्मदिन के मौके पर मैं केंद्र सरकार से आग्रह करती हूं कि किसानों की सभी मांगों को मान लेना चाहिए जिसमें तीन कृषि क़ानूनों को वापस लेना विशेष है। किसान अपने हित और अहित को अच्छी तरह से समझते हैं। गौरतलब है कि साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में यूपी में समाजवादी पार्टी और बसपा ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन दोनों ही दलों को एक होने के बाद भी करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था।