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Monday, 10th June , 2019 11:36 amदिग्गज अभिनेता और नाटककार गिरीश रघुनाथ कर्नाड का आज सुबह 6.30 बजे बेंगलुरु के एक अस्पताल में निधन हो गया। कर्नाड 81 साल के थे। नाटककार का जन्म 1938 में माथेरान में हुआ था। कन्नड़ लेखक गिरीश ने 1970 में रिलीज़ हुई फिल्म 'संस्कार' से अपने अभिनय और पटकथा लेखन की शुरुआत की। इस फिल्म ने राष्ट्रपति गोल्डन लोटस अवार्ड जीता।
इसके अलावा, कर्नाड ने क्लासिक टेलीविज़न शो 'मालगुडी डेज़' में भी काम किया, जिसमें उन्होंने स्वामी के पिता की भूमिका निभाई। कर्नाड के नाटकों का अंग्रेजी और कई भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है और एलिक पदमसी, अब्राहिम अलकाज़ी, अरविंद गौड़, बीवी कारंत, ज़फर मोहिउद्दीन, सत्यदेव दुबे, श्यामानंद जालान, अमल अल्लाना, विजया मेहता और प्रसन्ना जैसे निर्देशकों द्वारा निर्देशित किया गया है। उन्होंने 1990 के दशक की शुरुआत में दूरदर्शन पर विज्ञान पत्रिका टर्निंग प्वाइंट की भी मेजबानी की।
कर्नाड ने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (1974-1975) के निदेशक और संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा नेशनल एकेडमी ऑफ द परफॉर्मिंग आर्ट्स (1988-93) में भी उन्होंने काम किया है। गिरीश कर्नाड पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित होने के साथ-साथ साहित्य के लिए पद्म भूषण भी थे।
कर्नाड ने 1961 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अपना पहला नाटक 'ययाति' लिखा था। उनके निधन की खबर के बाद, उद्योग जगत के साथ-साथ विद्वानों, राजनेताओं दुख व्यक्त किया।
लेखक अमिताव घोष ने अपना दुख व्यक्त किया और लिखा, 'गिरीश कर्नाड के निधन के बारे में सुना - एक महान लेखक और एक बहुत ही अच्छी पर्सनैलिटी वाले इंसान को हम सबने खो दिया। गिरीश कर्नाड सलमान की फिल्म एक था टाइगर में भी नजर आए थे।