[Edited By: Vijay]
Tuesday, 1st December , 2020 06:07 pmवास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व कहा जाता है.हर दिशा के अलग दिग्पाल होते हैं, इसलिए घर में हर स्थान का निर्माण दिशा के मुताबिक होना बहुत आवश्यक होता है. घर में रसोई वास्तु के मुताबिक किसी प्रकार का वास्तु दोष होने पर सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव घर की महिलाओं पर पड़ता है. घर का निर्माण करते समय दिशा का ध्यान अवश्य रखें. चलिए बता दें कि रसोई का वास्तु शास्त्र...
घर में रसोई का निर्माण दक्षिण-पूर्व दिशा (आग्नेय कोण) में करना चाहिए. इस दिशा के स्वामी शुक्र ग्रह है. वास्तु के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम दिशा में रसोई नहीं बनानी चाहिए. कहा जाता है कि इससे आपके घर में अनावश्यक व्यय होता है.
इस रसोई घर में चूल्हा रखने का स्थान पूर्व या उत्तर दिशा की ओर बनाना उचित रहता है. जिससे भोजन बनाते वक्त गृहिणा का मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ रहे.
यदि आपकी रसोई में माइक्रोवेव आदि हैं तो उसे दक्षिण पूर्व के कोने में रखें.
इसके अलावा रसोई में पानी का स्थान या फ्रिज उत्तर-पश्चिम दिशा में रखना उचित रहता है.
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शास्त्र में अग्निकोण की एक विशेषता यह भी है कि शुक्र ग्रह इसका स्वामी है. जिस कारण से शुक्र भोजन को विविध रूप में तैयार करने में भी सहायक माना गया है. जिससे परिवार शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक रूप से मजबूत बनता है.
दरअसल जो किचन आग्नेय कोण में बनी होती है, वहां अग्नि के साथ-साथ सूर्यदेव की भी कृपा प्राप्त होती है. क्योंकि ऐसे उदयकालीन सूर्य की किरणें आपको मिलती हैं, जो भोजन को भी पौष्टिक बनाती हैं.